Zohar Namaz ka Tarika : Zohar Namaz Time | ज़ोहर की नमाज़ तरीका हिन्दी में

आप यहाँ zohar namaz time और जोहर की नमाज़ का सही तरीका क्या है पढ़ सकते हैं। इसके अलवा जोहर की नमाज़ में कितनी रकते होती है, जोहर की नमाज़ की नियत करने का तरीका क्या है।

अस्सलामो अलौकुम दोस्तो, आज हम जोहर की नमाज़ के वारे मैं तफसील से बात करेंगे। अल्ल्हा ताला ने हम सब मुसलमानों पर दिन में 5 वक्त की नमाज़ फ़र्ज़ की है। फ़र्ज़ का मतलब है की हमको ये फ़र्ज़ अदा करना ही है। हम किसी भी हाल में हो कहीं भी हो हम सब को नमाज़ अदा करनी ही होती है।

किस किस हालात में नमाज छोड़ सकते हैं

  1. ऐसा मरीज जो इसारो से भी नमाज नहीं पढ़ सकता है, पूरे 6 वक्त तक इसी हालत में रहे, तो जो भी उससे नमाजे़ फौत हुई है उनकी कज़ा वाजिब नहीं है।
  2. मजनून यानि की जिसको खुद का ही होश नहीं हो, उसकी नमाज पर कज़ा वाजिब नहीं, अगर वो 6 वक्त से पहले होशो हबास में आ जाए तो उनकी कज़ा वाजिब है

Zohar Namaz time Kab shuru hota hai aur kab Khatam Hota hai : ज़ोहर नमाज़ का टाईम कब शुरू होता है और कब खत्म होता है

जोहर की नमाज़ दोपहर की नमाज़ है, अमुमन नमाज़ का टाईम है 12 बजकर 17 मिनट के बाद शुरू होता है (जवाल के बाद)। इस नमाज़ का आखरी वक्त असर की अज़ान से थोड़ा पहले खत्म हो जाता है।

Zohar namaz me rakaat kitni hoti hai : जोहर नमाज़ में रकात कितनी होती है

जोहर की नमाज़ में 12 रकात होती है

हम लोग नमाज़ की रकात को फ़र्ज़ से पहले और फ़र्ज़ के बाद गिनते हैं
  1. 4 रकात सुन्नत
  2. 4 रकात फर्ज़।
  3. 2 रकात सुन्नत
  4. 2 रकात नफिल

जोहर की नमाज़ से पहले कुछ जरूरी काम कौन कौन से है, यानि शर्तें

  1. सबसे पहले वुज़ू कर ले
  2. अपके कपड़े पाक हो और आपका बदन पाक हो
  3. आपका सत्र ढका हुआ हो
  4. जिस जगहा नमाज़ अदा करनी हो वो पाक हो
  5. जोहर की नमाज़ का टाईम होना
  6. आपका मुह क़िबले की तरफ़ हो
  7. तकबीर ए तहरीमा (यानी अल्लाह हु अकबर कहना)
  8. नमाज की नियत करना

Zohar ki Namaz padhne ka tarika : जोहर की नमाज़ पढ़ने का तरीका

जोहर की 4 रकात सुन्नत नियत करने का तरीका

क़िबले की तरफ़ मुह करके खड़े हो जाएं, अपने दो हाथो को उठा के कानो की लौ तक ले के जांऐ और नियत पढ़ ले

नियत की मैने 2 रकात नमाज़ सुन्नत, सुन्नत रसूल अल्ला के वास्ते अल्लाह ताला के वक्त ए जोहर मुह मेरा तरफ काबे शरीफ के अल्लाह हु अकबर

अल्ल्हा हु अकबर कहते हैं दोनो हाथ नाफ के नीचे बंद ले।

Zohar Namaz ki pehli sunnat padhne ka tarika : ज़ोहर नमाज़ की पहली सुन्नत पढ़ने का तरीका

  1. सबसे पहले सना पढे, सना के अल्फाज़ इस तरह से होते हैं (सुबहाना कल्लाहुम्मा वा बिहमदिका)
  2. उसके बाद अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
  3. फिर सुरेह फातिहा पढ़ ले
  4. इसके बाद कोई एक सूरत जो भी आपको याद हो पढ़ ले

फिर आप अल्ला हू अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकू इस तरह से करे की अपने दोनो हाथो की उनगलियो को घुटनो पर रख ले। आप इतना नीचे झुके की आपका सर और कमर बराबर पर आ जांऐ।

रुकू में अल्लाह की तस्बी 3,5.7 बार सूकून से पढ़ ले कोई जलदवाजी नहीं करे। सुबहाना रब्बियल अज़ीम

फिर समीअल्लाहु लिमन हमीदा कहते हुऐ खड़े हो जाएं और रब्बना व लकल हम्द कहे। फिर अल्ला हु अकबर कहते हुऐ सजदे में चले जाएं

सजदे के दौरान आप 3,5 या 7 बार सुबहाना रब्बियल आला सूकून से पढे ले, फिर अल्हा हु अकबर कहते हुऐ दो ज़ानो हो कर बैठे जांऐ 2-3 सेकंड तक बैठे रहे फिर दूसरा सजदा करे। दूसरे सजदे में भी 3-5 या 7 बार सुबहाना रब्बियल आला पढ़ ले

फिर आप अल्लाह हु अकबर कहते हुऐ खड़े हो जाएंगे दूसरी रकात के लिए

Zuhar ki dusri sunnat rakaat padhne ka tarika : ज़ुहर की दूसरी सुन्नत रकात पढ़ने का तरीका

  1. दूसरी रकात में आपको सुरेह फातिहा से शुरू करना है, याद रे सना नहीं पढ़ना है।
  2. सुरेह फ़ातिहा पढ़ने के बाद कोई भी एक सूरह पढ़ ले
  3. फिर आप अल्हा हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं
  4. रुकू में फिर वही 3-5 या 7 बार सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढ़ ले
  5. फिर समी अल्लाहु लिमन हमीदा कहते हैं सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना व लकल हम्द कहें
  6. अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे मैं चले जांऐ
  7. सजदे में 3-5 या 7 बार सूकून से सुबहाना रब्बियल आला पढे
  8. और अल्लाह हु अकबर कहते हुऐ दो ज़ानो हो कर बैठे जांऐ 2-3 सेकंड के लिए
  9. फिर दूसरा सजदा करे और 3-5 या 7 बार सूकून से सुबहाना रब्बियल आला पढे

अल्लाह हू अकबर कहते हुऐ दो ज़ानो हो कर बैठे और “अतहियात” पढ़े, अतहियात पढ़ते समय जब आप अशहदू अल्लाह पर आए तो अपनी शाहादत की ऊँगली को उठा ले और जब “इलाहा” पर आए तो ऊँगली को नीचे कर ले।

फिर आप अल्लाह हु अकबर कहते हुए तीसरी रकात के लिए सीधे खड़े हो जाएं

इसके बाद आप तीसरी और चौथी रकात बिलकुल ऐसे ही पढ़ ले, चौथी रकात मैं जब आप दूसरा सजदा करके दो ज़ानो हो कर बैठा जांऐ…

  1. पहले आप “अतहियातो” सूकून से पढे, अतहियात पढते समय आपको “अशहदू अल्लाह” पर अपनी शाहादत की ऊँगली को उठाना है और “इलाहा” पर नीचे कर लेना है
  2. फिर दुरूद ए इब्राहिम पढे
  3. फिर आप दुआ मसुरा या फिर “रब्बाना अतिना” पढ़ ले इसके बाद आप कोई और भी दुआ पढ़ना चाहते हैं तो पढ़ सकते हैं जिसे “रब्बी जलनी मुकीमस सलाती”
  4. फिर आप सलाम फेरे

Salam Pherene ka tarika : सलाम फेरने का तरीका

  1. सलाम फेरने का तरिका ये है कि पहले आप अपने दाहिने कंधे की तरह मुँह करे और कहे “असलामु अलौकुम वा रहमतुल्लाह”।
  2. फिर आप अपने बाएं कंधे की तरफ देखे और पढ़े “असलामु अलौकुम वा रहमतुल्लाह”

इस तरह आपकी जुहर की 4 रकात सुन्नत अदा हो गई|

Zohar ke 4 farz : जोहर के 4 फर्ज़

Zohar ki namaz ke 4 rakaat farz ki niyat ka tarika : जोहर की नमाज़ के 4 रकात फर्ज़ की नियत का तरीका

नियत की मैने 2 रकात नमाज़ फर्ज़, फर्ज़ वास्ते अल्लाह ताला के वक्त ए जोहर मुह मेरा तरफ काबे शरीफ के अल्लाह हु अकबर कहते हुए दोनो हाथ कानो की लौ तक ले के जांऐ और नाफ के नीचे बांध ले।

नाफ के नीचे हाथ इस तरह से बाँधे की दाहिने हाथ की 3 ऊँगली बाएं हाथ की कलाई के ऊपर रहे।

नोट: अगर आप फ़र्ज़ की रकात जमात के साथ नहीं पढ़ रहे हैं तो नियत करते समय पीछे इस इमाम के नहीं कहे और बिलकुल सुन्नत की तरह नमाज़ पढ़ ले।

याहा हम ज़ुहर के फ़र्ज़ जमात के साथ इमाम साहब के पीछे पढ़ने का तरीका बताएंगे

जब आप इमाम साहब के पीछे सफो में खड़े हो जांऐ, तो इमाम साहब नियत करेंगे और अल्लाह हु अकबर कहते हुऐ नियत बांध लेंगे, आप भी अल्लाह हु अकबर कहते हुऐ नियत बांध लें।

  1. इमाम साहब बिना आवाज़ किए हुऐ आहिस्ता आहिस्ता सना पढेंगे
  2. फिर सुरेह फातिहा पढेंगे
  3. उसके बाद कोई भी एक सुरेह पढेंगे
  4. आप सब लोग इमाम साहब के पीछे खामोशी से खड़े रहे, आपको आहिस्ता आहिस्ता सना पढ़ना है
  5. वाकी की सब सुरेह इमाम साहब पढेंगे
  6. जब इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहे तब आप उनके पीछे पीछे अल्हा हू अकबर कहते हैं रुकू में चले जांऐ
  7. रुकू में 3-5 या 7 बार सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढे
  8. इमाम साहब समिअल्लाह हुलिमान हमीदा कहते हुऐ सीधे खड़े हो जाएंगे, आप भी समिअल्लाह हुलिमन हमीदा और रब्बना व लकल हम्द कहते हुऐ खड़े हो जाएं
  9. सजदे में जा के 3,5 या 7 बार सुबहाना रब्बियल आला पढ़े
  10. फिर इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाएंगे आप भी उनके पीछे पीछे दो ज़ानो हो कर बैठे जांऐ।
  11. फिर इमाम साहब अल्ला हू अकबर कहते हुऐ दूसरे सजदे के लिए जांऐ, आप भी अल्ला हू अकबर कहते हैं दूसरे सजदे में चले जांऐ वहा फिर सुबहाना रब्बियल आला पढ़े
  12. फिर इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए सीधे खेड़े हो जाएंगे, हम लोगो को भी अल्लाह हु अकबर कहते हैं खड़े हो जाना है

इस तरह से एक रकात पूरी हो जाएगी, फिर हम इमाम साहब के साथ दूसरी रकात पढेंगे।

2 रकात फर्ज़ इमाम साहब के पीछे पढ़ने के बाद –

2 रकात नमाज़ पढ़ने के बाद दो ज़ानो हो कर बैठ जांऐ इमाम साहब के पीछे और अतहियात पढ़े। फिर इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुऐ खड़े हो जाएंगे तीसरी रकात के लिए तो आपको भी खड़े हो जाना है।

इमाम साहब के पीछे आपको 2 रकत बिलकुल पहले की ही तरह पढ़ना है खामोश होके सिर्फ रुकु और सजदे में पढ़ना है।

चौथी रकात में जब आप इमाम साहब के पीछे दो ज़ानो हो कर बैठ जांऐ। आप अतहियात पढ़े, उसके बाद दुरूद ए इब्राहिम फिर दुआ मसूर या रबना रब्बाना आतिना पढ़ ले।

फिर इमाम साहब आवाज़ के साथ सलाम फेरेंगे पहले अपने दाहिने कंधे की तरफ देखेंगे और बोलेंगे “असलामु अलौकुम वा रहमतुल्लाह” फिर बाएं कंधे की तरह देखेंगे और कहेंगे “असलामु अलौकुम वा रहमतुल्लाह”।

आप लोगो को भी बिल्कुल ऐसे ही करना है और आहिस्ता आहिस्ता बोलना है अस्सलामु अलौकुम वा रहमतुल्लाह फिर दुसरी तारफ देख कर बोलना है अस्सलामु अलौकुम वा रहमतुल्लाह।

इस तरह से जमात के साथ 4 फर्ज़ पूरे हो जाएंगे। फिर इमाम साहब दुआ करने के लिए हाथ उठाएंगे, आपके उनके साथ साथ अमीन कहते रहें।

Farz ke baad 2 rakat sunnat padhne ka tarika : फ़र्ज़ के बाद 2 रकात सुन्नत पढ़ने का तरीका

क़िबले की तरफ़ मुह करके खड़े हो जाएं और नियत कर ले

नियत की मैने 2 रकात नमाज़ सुन्नत, सुन्नत रसूल अल्ला के वास्ते अल्लाह ताला के वक्त ए जोहर मुह मेरा तरफ काबे शरीफ के अल्लाह हु अकबर

अल्लाह हू अकबर कहते हुए दोनो हाथो को उठा कर कानो की लौ तक ले के जाये और नाफ के नीचे बांध ले, अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम” बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम पढ़ें

  1. फिर सना पढे (बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम) पढ़ने के बाद
  2. सुरेह ए फ़ातिहा पढे
  3. फिर कोई भी सूरत याद हो पढ़ ले
  4. अल्लाह हु अकबर कहते हुऐ रुकु करे और समी अल्लाहु लिमन हमीदह रब्बाना वा लकल हम्द कहते हुए सीधे खडे हो जाये ओर अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाये
  5. एक सजदा करने के बाद दूसरा सजदा कर ले

एक रकात पूरी होने के बाद बिलकुल इसी तरह दुसरी रकात भी पढ़ ले, इतना याद रे की दसरी रकात मैं सना नहीं पढ़ना है बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम के बाद सुरे फातिहा पढ़ना है।

दुसरी रकात का दूसरा सजदा करने के बाद दो ज़ानो हो कर बैठा जांऐ। बैठने के बाद पहले अत्तहियात, फिर दुरूद इब्राहिम फिर दुआ मसुरा या रब्बाना अतिना फिद्दुन्या पढ़ के सलाम फेर ले।

Zuhar ke 2 rakat nafil padhne ka tarika : ज़ुहर के 2 रकात नफिल पढ़ने का तरीका

Nafil Ki niyat ; नफिल की नियत

नियत की मैने 2 रकात नमाज़ नफिल, नफिल वास्ते अल्लाह ताला के वक्त ए जोहर मुह मेरा तरफ काबे शरीफ के अल्लाह हु अकबर।

अल्लाह हु अकबर कहते हुए नियत बांध ले

  1. पहले अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
  2. फिर  सना पढे
  3. फिर सुरेह फ़ातिहा
  4. उसके बाद कोई कुरान की सूरत जो आपके याद हो पढ़ ले
  5. अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु करे
  6. समी अल्लाहु लिमन हमीदह रब्बाना लकल हम्द कहते हुऐ सजदा कर ले
  7. फिर उसी तरह दूसरा सजदा कर ले

दूसरी रकात का दूसरा सजदा करने के बाद दो ज़ानो हो कर बैठे और अत्तहियात, फिर दुरूद इब्राहिम फिर दुआ मसुरा या रब्बाना आतिना फिद दुनिया पढ़ के सलाम फेर ले।

नोट: अतहियातो पढते वक्त जब आप “अशहदू अल्लाह” पर आये तो अपनी शाहादत की ऊँगली को उठा ले और फिर “इलाहा” पर आये तो ऊँगली को नीचे कर ले।

ये आपकी जोहरा की नमाज़ मुकमल हो जाऐगी

Namaz ke baad dua karne ka tarika : नमाज़ के बाद दुआ करने का तरीका

  1. सबसे पहले दुरूद पाक पढ़ ले
  2. फिर अल्लाहुम्मा अंतस सलाम पढे
  3. उसके बाद रब्बाना अतिना फिद दुनिया पढे
  4. उसके बाद रब्बी जलनी मुकीमस सलाती पढे

फिर सरकार ऐ दो आलम सल्लल्लाहु अलौहि वसल्लम का वस्ता दे कर अल्लाह से सच्चे दिल से दुआ मांगे, इंशा अल्लाह, हम सब का खालिक उस दुआ को कुबूल करेगा। रो रो कर अपने गुनाहो की माफ़ी मांगे, अल्लाह ताला सारे गुना माफ़ कर देगा।

अल्लाह से दुआ है की वो अपने नबी हुज़ूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम के सदके से हम सब के गुनाहो को माफ़ कर दे। आमीन:

Zohar ki namaz padhne se kya hota hai : नमाज़ की फ़ज़ीलत

  1. हम सब के प्यारे आका हुज़ूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम इरशाद फरमाते हैं की, अल्लाह ताला रोज़ाना जोहर की नमाज़ के वक्त जहन्नुम की आग को भड़काता है। अल्ल्हा का जो बंदा ईमान के साथ रोज़ जोहर की नमाज़ पढ़ता है तो अल्लाह ताला अपने रहम से उस बंदे पर जहन्नुम की आग को हराम कर देता है।
  2. ज़ोहर की नमाज़ की 4 रकात सुन्नत की फ़ज़ीलत तहज़ुद नमाज़ के बरबर है
  3. ज़ोहर की नमाज़ पढ़ने से रिज़्क मैं बरकत होती है

नमाज पड़ते टाईम क्या नहीं करना चाहिए : नमाज मकरूह कैसे होती है

  1. नियत बाधंने के बाद हाथो को इधर उधर नहीं चलाना चाहिए
  2. नमाज पढते समय सजदे की जगहा के अलावा कहीं भी नहीं देखना चाहिए
  3. सजदे के दौरान दोनो हाथो की कोहनी को जमीन पर नहीं रखना चाहिए
  4. सजदे के दौरान रानो को पेट से नहीं लगाना चाहिए
  5. नमाज पढते समय जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए

Conclusions : नतिज़ा

आज हमने इस पोस्ट में जुहर की नमाज़ का तरीका, जोहर की नमाज़ की नियत और जोहर की नमाज़ में क्या पढ़ा जाता है तफसील से बयान किया है। उम्मीद करता हूं की आप लोगो को ये पोस्ट पसंद आएगी, हमें कमेंट करके जरूर बताएं। और इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे, ताके ज्यादा से ज्यादा लोगो तक ये पोस्ट पहुंच जांऐ।

इस पोस्ट को लिखने मैं या कहने में कोई गलती हो गई हो तो अल्लाह से दुआ है की वो अपने महबूब हुज़ूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम के सदके से गलती को माफ कर दे।

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