roza rakhne se kaun kaun si bimari door hoti hai : रोज़ा रखने से कौन सी बीमार दूर होती है

क्या आपको पता है कि रोज़ा रखना कितना ज्यादा फायदेमंद होता है, रोज़ा रखने से कौन कौन सी बीमार दूर होती है। रोज़े के बारे में हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने क्या इरशाद फरमाया है।

आज हम यह जानेंगे की रोज़ा रखने से कौन कौन सी बीमार दूर होती है।

  1. रोज़ा ऑटोफैगी को बढ़ाता है।
  2. रोज़ा कैंसर के चांस को कम करता है
  3. रोज़ा डाइजेस्टिव सिस्टम को मज़बूत करता है
  4. रोज़ा डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करता है
  5. रोज़ा रखने से बज़न कम होता है
  6. रोज़ा हार्ट की हेल्थ को मज़बूत करता है
  7. रोज़ा कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है
  8. रोज़ा डिप्रेशन को सही करता है
  9. रोज़ा ज़हनी सुकून दिलाता है
  10. रोज़ा टेंशन को कम करता है
  11. रोज़ा रखने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है
  12. रोज़ा ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है

प्यारे इस्लामी भाइयो अस्सलामो अलैकुम, अल्लाह ताला ने हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदके से हम सब मुसलमानो पर रोज़ा को फ़र्ज़ किया है। रोज़दार से अल्लाह ताला बहुत खुश होता है, रोज़दार की कोई भी जाईज़ दुआ को अल्लाह ताला कुबूल कर लेता है।

एक रिवायत में आया है की अल्लाह ताला कयामत के दिन रोज़ा रखने वाले को अपने हाथ से इनाम देगा। हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया है की रमजान में सारे मुसलमानो को रोज़ा रखना चाहिए, अल्लाह ताला ने रोज़े को फ़र्ज़ किया है, रोज़ा अल्हा ताला की बहुत अच्छी इबादत है।

तो शुरू करते हैं रोज़ा रखने से आखरत की अलवा दुनिया के कौन से फायदे है, जिन फायदों को आज की तारीख में विज्ञान ने भी सही बता है। साइंस ने आज इन फायदों को सही बताता है जबके हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम इन सब फायदों को आज से 1500 साल पहले बताया था।

Roza Autophagy ko badata hai : रोज़ा ऑटोफैगी को बढ़ाता है

ऑटोफैगी उस प्रोसेस को कहते हैं जब इंसान का जिस्म खुद ही अपने अदंर की मरी हुई सेल्स को खाना स्टार्ट कर देता है। आज कल डॉक्टर ऑटोफैगी को बढ़ने के लिए एक लंबी चौड़ी डाइट प्लान बना के देते हैं। डाइट प्लान के अलावा मेडिसिन भी देते हैं और कहते हैं कि फास्टिंग करो। ये सब कुछ करने से ऑटोफैगी की प्रक्रिया तेज हो जाएगी।

ऑटोफैगी की प्रक्रिया बढ़ाने से जिस्म में बहुत सारी बीमारी खत्म हो जाती है, जिनमे कैंसर सबसे बड़ी बीमारी है। कैंसर जैसी बीमारी आसानी से खत्म नहीं होती है, लेकिन ऑटोफैगी की प्रक्रिया बढ़ाने से इस बीमारी से लड़ने में बहुत मदद मिलती है। अगर ये बीमारी होने से पहले से ही फास्टिंग करके ऑटोफैगी की प्रक्रिया को बड़ा दिया जाए तो कैंसर जैसी बीमारी होने के चांस कम हो जाएंगे।

रोज़ा एक बहुत अच्छा तरीका है ऑटोफैगी की प्रक्रिया को बढ़ाने का, रमजान के महीने में जब 30 दिन रोज़ा रखा जाता है तो ऑटोफैगी की प्रक्रिया अपने पीक प्वाइंट पर हो जाती है और जिस्म में जितनी भी डेड सेल होती है उन सब को खुद खा जाती है।

रोज़ा एक सबसे बेहतर तरीका है जिस्म में होने वाली बीमारियो से लड़ने का।

Roza cancer ke chance ko kam karta hai : रोज़ा कैंसर के चांस को कम करता है

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका अभी तक कोई भी मुकम्माल इलाज नहीं है, कुछ दवा ऐसी आती है जो कैंसर से लड़ने में मदद करती है।

अल्ल्हा ताला ये बीमारी किसी को भी नहीं दे, जब किसी इंसान को कैंसर हो जाता है तो उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमज़ोर हो जाती है, जिसकी बजहा से मरीज की मौत हो जाती है।

रोज़ा रखने से इंसान की इम्युनिटी बूस्ट होती है, जब इंसान रोज़ा रखता है तो बॉडी में ऑटोफैगी की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है। ये ऑटोफैगी बॉडी में मौजूद कैंसर सेल्स या डेड सेल्स को खाना शुरू कर देता है जिस से कैंसर होने के चांस कम हो जाते हैं।

रोज़ा अल्लाह की एक बहुत अच्छी इबादत है, रोज़ा जिस्म में मौजूद डेड सेल्स या कैंसर सेल को खतम कर देता है।

Roza digestive system ko mazboot karta hai : रोज़ा डाइजेस्टिव सिस्टम को मज़बूत करता है

जब इंसान regular खाना खाता है तो जिस्म में मौजूद डाइजेस्टिव सिस्टम को बिलकुल भी आराम करने का मौका नहीं मिलता है। लगतार खाना खाने से लीवर में मौजूद पित्त जूस ज़्यादा एसिडिक हो जाते हैं, जिस से कब्ज़, गैस और एसिडिटी की बीमारी होने लगती है। जिसमे कब्ज़ सबसे खतरनाक बीमारी है, ज्यादा कब्ज़ रहने से बवासीर, फिस्टुल्ला और हाई बीपी की समस्या होने लगती है।

जब इंसान रोज़ा रखता है तो दिन में 12-18 घंटे कुछ नहीं खाता है, कुछ नहीं खाने से पाचन तंत्र को आराम करने का पूरा मौका मिलता है। आराम करने की बजहा से पाचन तंत्र मज़बूत हो जाता है।

पाचन तंत्र मजबूर होने से कब्ज़, गैस और एसिडिटी जैसी समस्या बहुत कम होती है।

Roza diabetes ko control karne me madad karta hai : रोज़ा डायबिटीज को कंट्रोल करने मेँ मदद करता है

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए कोई भी ऐसी दवा नहीं है जो बीमारी को हमेश के लिए सही कर दे है। मेडिसिन लेने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

जब इंसान रोज़ा रखता है तो और 12-18 घंटे उपवास करता है तो इतने समय में 5-7 घंटे ऐसे आते हैं जिनमे शुगर लेवल बिलकुल सही हो जाता है बिना कोई दवा लिए। जब शुगर लेवल नॉर्मल हो जाता है तो बॉडी में ज्यादा शुगर की बजहा से जो भी प्रॉब्लम हो चुकी होती है वो रिपेयर होना शुरू हो जाती है।

जब हम रोज़ा रखते हैं तो जिस्म में हार्मोन का स्तर बहुत सही से काम करता है, इंसुलिन का स्राव भी बढ़ जाता है और कोशिकाएं इंसुलिन को अच्छे से अवशोषित कर लेती हैं।

रोज़ा एक बहुत अच्छा तरीका है शुगर लेवल को कंट्रोल करने का बिना मेडिसिन लिए हुए।

Roza rakhne se weight kam ho jaata hai : रोज़ा रखने से वज़न कम हो जाता है

आज कल बड़ा हुआ पेट, ज्यादा चर्बी और ज्यादा वजन बहुत आम बात हो चुकी है। क्योंकि हमारा खाना पीना ऐसा हो गया है और कोई भी कसरत नहीं होता है। जब वेट ओवर हो जाता है तो इसे कम करना सबसे बड़ा चैलेंज हो जाता है।

वेट कम करने के लिए जिम, रनिंग, वॉकिंग के बारे में सोचने लगते हैं। एक बात याद रखना कोई भी जिम, कोई भी रनिंग कुछ नहीं कर सकती सब तक डाइट प्लान नहीं किया जाएगा।

रोज़ा एक सबसे अच्छा और फास्ट तरीका है ओवर वेट को काम करने का, जव इंसान 12-18 घंटे फास्टिंग करता है तो, बॉडी में मौजूद एक्स्ट्रा फैट यूज होने लगता है एनर्जी के लिए। जिस से बहुत तेजी के साथ वजन कम होने लगता है।

Roza Heart ki Health ko mazboot karta hai : रोज़ा हार्ट की हेल्थ को मज़बूत करता है

ज़्यादा फैट वाली चीज खाने से हमारे ब्लड में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, जिस से ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता। इसके अलवा हम खाना तो रेगुलर खाते रहते हैं लेकिन वर्कआउट पर कोई फोकस नहीं होता है जिसकी बजहा से दिल कमजूर होता चला जाता है।

जब इंसान रोज़ा रखता है और 12-18 घंटे बिना कुछ खाए पिए रहता है तो शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट अपने आप बढ़ जाता है, मेटाबॉलिज्म बढ़ने से ब्लड में खराब कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है और दिल मज़बूत होने लगता है।

फास्टिंग में हार्ट ऐसे काम करता है जैसे हम नॉर्मल टाइम में हलकी फुलकी कार्डियक एक्सरसाइज करते हैं। रोज़ा ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।

रोज़ा एक बहुत आसान और प्रभावी तरीका है दिल की हेल्थ को मज़बूत करने का।

Roza cholesterol ko control karne me madad karta hai : रोज़ा कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है

इंसान के जिस्म में 2 तरीके के कोलेस्ट्रॉल होते हैं नंबर 1 खराब कोलेस्ट्रॉल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL)) नंबर 2 गुड कोलेस्ट्रॉल (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL))।

कभी कभी कुछ बजाहों से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल यानी LDL बढ़ने लगता है, जैसे सिगरेट, तंबाकू और अन्य उत्पाद लंबे समय तक इस्तेमाल करने से। जब LDL बढ़ जाता है तो हार्ट को ब्लड पंप करने में दिक्कतें आने लगती हैं जिसे हम हाई बीपी कहते हैं।

जब हम रोज़ा रखते हैं तो रोज़ा में सारी गलत आदत जैसे सिगरेट, तंबाकू से दूर रहते हैं, इसके अलावा जब हम फास्टिंग में होते हैं तो हमारा मेटाबॉलिज्म रेट भी बढ़ जाता है। जब मेटाबॉलिज्म बढ़ता है तो कोलेस्ट्रॉल अपने आप कम होना शुरू हो जाता है।

Roza depression ko sahi karta hai : रोज़ा डिप्रेशन को सही करता है

डिप्रेशन का मेन कारण डर होता है, किसी भी चीज़ के लिए डरना। जैसे कोई भी काम नहीं होने का डर, ये कुछ भी हो सकता है। जब इंसान डरने लगता है तो उसपर दबाव आने लगता है फिर एक मानसिक स्थिति बन जाती है जिसे हम डिप्रेशन कहते हैं।

जब हम लोग रोज़ा रखते हैं तो बॉडी में GH हार्मोन ज्यादा बनता है, सर्कुलेशन तेज हो जाता है जिस से हमारे दिमाग को सही मात्रा में पोषण मिला है और धीरे-धीरे डिप्रेशन खतम होने लगता है।

Roza Zehni sukoon dilaata hai : रोज़ा ज़हनी सुकून दिलाता है

आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर कोई इंसान ज़हनी सुकून ढूँढने की कोशिश कर रहा है लेकिन बहुत ही मुश्किल से ज़हनी आराम मिल पाता है। ज़हनी सुकून के लिए लोग डॉक्टरों के पास जाते हैं और दवा का सहारा लेते हैं। डॉक्टर क्या करता है नींद की दवा दे देता है और दिमाग को सुला देता है। इस तरीके से भी ज़हनी सुकून नहीं मिल पाता है सिर्फ दिमाग सो जाता है।

जब हम रोज़ा रखते हैं तो 12-18 घंटे कुछ भी नहीं खाते पीते हैं, तो हमारा दिमाग शांत हो जाता है, जिस से दिमाग को सुकून मिलने लगता है। दूसरी बात रोज़ा एक बहुत अच्छी इबादत है अल्लाह को मनाने की, जब हम रोज़ा रखते हैं तो हमें ज़हनी सुकून मिलता है, क्योंकि हम जानते हैं हमारे रोज़ा रखने से अल्लाह ताला बहुत खुश होता है।

Roza tension ko kam karta hai : रोज़ा टेंशन को कम करता है

आज की डेट में टेंशन एक ऐसी समस्या है जिस से हर इंसान परेशान है। टेंशन किसी भी काम को ले के हो सकती है, ऑफिस वर्क की टेंशन, टारगेट पूरा करने की टेंशन, घर की टेंशन, ख़र्चे की टेंशन। इतनी टेंशन है की इन टेंशन से कोई भी नहीं बच सकता है।

जब टेंशन ज्यादा बढ़ने लगती है तो हाइपर टेंशन हो जाती है, हाइपर टेंशन होने से दिल की समस्या होने लगती है, कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने लगता है जिस से हाई बीपी की समस्या हो जाती है, डिप्रेशन भी होने लगता है।

रोज़ा एक बहुत अच्छा तरीका है टेंशन को खत्म करने का, जब हम रोज़ा रखते हैं तो 12-18 घंटे कुछ नहीं खाते हैं, उस टाइम हमरे हार्मोन लेवल बहुत सही से काम करते है और कोलेस्ट्रॉल लेवल खुद से ही काम होने लगता है। और टेंशन अपने आप कम हो जाती है।

टेंशन को खत्म करने के लिए हम लोग डॉक्टर के पास जाते हैं, डॉक्टर भी हमको बोलता है की थोड़ा खाना कम खाओ। तो क्यों नहीं हम रोज़ा ही रख ले, रोज़ा टेंशन को स्थायी रूप से खतम कर देता है।

Roza rakhne se Immunuty boost hoti hai : रोज़ा रखने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है

बहुत सारी बजह से हमारी इम्युनिटी कम हो जाती है जैसे बीमार होने से, बुखार आने से, दवा लेने से, जब हमारी इम्युनिटी कम हो जाती है तो हमारा जिस्म कमजोर होने लगता है और बीमार होने के चांस बढ़ जाते हैं।

इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिए लोग मल्टीविटामिन लेते हैं या फिर देसी जडी बूटी जिसे गिलोय, तुलसी, नीम का इस्तेमाल करते हैं जिस से इम्युनिटी बूस्ट हो जाती है. लेकिन ये दवा लेने से इम्युनिटी तो बूस्ट हो जाती है लेकिन समस्या बढ़ने के चांस होते हैं।

जब इम्युनिटी ज्यादा बढ़ जाती है तो ये जिस्म पर ही अटैक कर देता है जिस से गठिया, या फिर संक्रमण होने के चांस बढ़ जाते हैं।

लेकिन जब हम रोज़ा रखते हैं, तो हमारा ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है, जब ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है तो सारे हार्मोन लेवल सही काम करते है जिस से हमारी इम्युनिटी अपने आप बूस्ट हो जाती है।

रोज़ा रखने से ऑटोफैगी की प्रक्रिया बढ़ जाती है जिस से सारे हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस खुद से ही खतम हो जाते हैं। रोज़ा रख के इम्युनिटी बूस्ट करने से बहुत सारे फायदे होते हैं और कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है।

इस बात को वैज्ञानिकों ने भी सत्यापित किया है, की रोज़ा रखने से बहुत सारी बिमारी दूर हो जाती है और इम्युनिटी बूस्ट हो जाती है।

Roza Blood circulation ko increase karta hai : रोज़ा ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है

बहुत सारी बजह से हमारा ब्लड सर्कुलेशन सिस्टम कामज़ोर हो जाता है, जब ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है तो, सेल्स को पूरी मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता है जिस से जिस्म में कमजोरी होने लगती है।

ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के लिए लोग डॉक्टर के पास जाते हैं, डॉक्टर बोलता है की कसरत करो और मल्टीविटामिन ले लो। इन सब से कुछ हद तक लाभ भी होता है, लेकिन बहुत सारी बजह से कसरत लगातार नहीं हो पाती है और समस्या जैसी की तसी रहती है। डॉक्टर ये भी बोलता है की खाना कम खाओ।

रोज़ा एक बहुत अच्छा तरीका है ब्लड सर्कुलेशन सिस्टम को मज़बूत करने का, जब हम रोज़ा रखते हैं तो 12-18 घंटे तक कुछ भी नहीं खाते हैं जिस से शरीर में मौजूद फैट काम होने लगता है जिस से हमारी नसों और धमनियों खुल जाती है और ब्लड बहुत आराम से सर्कुलेट होने लगता है।

दसरी बात रोज़ा रखने से ब्लड में मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) का लेवल भी कम होता है और हमारा ब्लड प्यूरिफाई हो जाता है और सर्कुलेशन बढ़ने लगता है।

हा रोज़ा रखने से बॉडी में पानी की कमी हो जाती है, लेकिन बहुत सारे तरीके ऐसे भी है जिस से हम पानी की कमी को पूरा कर सकते हैं।

इस पोस्ट को लिखने मैं या कहने में कोई गलती हो गई हो तो अल्लाह से दुआ है की वो सरकारे मदीना सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदके से गलती को माफ कर दे।

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