Maghrib ki namaz ka tarika : maghrib namaz time | maghrib namaz rakat in hindi

आज हमारा टॉपिक है, मगरिब की नमाज़ पढ़ने का सही तरीका, मगरिब की नमाज़ का समय कब से कब तक रहता है और मगरिब की नमाज़ में कितनी रकात होती है। इसके अलावा आप यहां नमाज़ की कुछ जरूरी बातें, नमाज़ के बाद की दुआ और नमाज़ की फज़ीलत क्या है पढ़ सकते हैं।

प्यारे इस्लामी भाईयो, क्या आपको पता है के, नमाज़ एक एैसा तोहफ़ा है, जिसके बिना हर एक मुसलमान की ज़िंदगी अधूरी है। हमारे प्यारे आक़ा हुज़ूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया है के, नमाज़ एक ऐसा फर्ज़ है जिसे हर एक मुसलमान (मर्द या औरत) सबको पूरा करना ही है। अल्लाह ताला ने हुज़ूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम के वसीले से हम सब मुसलमानो पर 5 वक्त की नमाज़ फ़र्ज़ की है।

इन 5 वक्त की नमाज़ में मग़रिब की चौथी नमाज़ आती है, आज हम यहां मग़रिब की नमाज़ के बारे में तफसील से बात करेंगे।

Maghrib Ki namaz ka time kab se kab tak rehta hai : मग़रिब की नमाज़ का वक्त कब से कब तक रहता है

मग़रिब की नमाज़ का वक्त सूरज के डूबने के तूरंत बाद शुरू हो जाता है, मग़रिब की नमाज़ में ज़्यादा वक्त नहीं मिलता है। मग़रिब की नमाज़ अज़ान होने के बाद जितनी भी जल्दी हो सके पढ़ ले।

अमूमन मग़रिब की नमाज़ का वक्त I-2 घंटे तक ही रहता है। आप कोशिश करे की अज़ान होते ही मस्जिद चले जाए और जमात के साथ नमाज़ पढ़ ले। अगर किसी वजह से जमात छूट जाती है या घर पर ही पढ़ रहे हैं तो जितनी भी जल्दी हो सके नमाज़ अदा कर ले।

अमूमन मग़रिब की नमाज़ का वक्त अलग शहरों में अलग-अलग होता है, और ज़्यादा जानकारी के लिए आप नमाज़ का कैलेंडर देख ले।

maghrib ki namaz ki rakat kitni hoti hai : मग़रिब की नमाज़ की रकात कितनी होती है

मग़रिब की नमाज़ मैं कुल 7 रकात होती है।

नोट: किसी भी नमाज़ की रकात को फ़र्ज़ से पहले और फ़र्ज़ के बाद गिना जाता है।

  1. 3 रकात फर्ज़
  2. फिर 2 रकात सुन्नत
  3. फिर 2 रकात नफिल

namaz padhne se pehle kuch zaruri kaam : नमाज़ पढ़ने से पहले कुछ जरूरी काम

नमाज़ पढ़ने से पहले आपका बदन यानि की जिस्म पाक हो, आपके पहने हुए कपड़े पाक हो, नमाज़ का वक्त हो और जिस जगह नमाज़ अदा करना हो वो पाक हो और तकबीर ए तहरीमा (अल्लाह हु अकबर) के साथ नमाज़ पढ़े।

Maghrib ki namaz ka tarika : मग़रिब की नमाज़ का तरीका

मग़रिब की नमाज़ दिन की चौथी नमाज़ होती है जिसमे 7 रकात होती है, जिसमे फ़र्ज़ पहले पढ़े जाते हैं।

हम यहाँ फर्ज़ नमाज़ इमाम साहब के पीछे और खुद से ही पढ़ने के तरीके पर बात करेंगे।

magrib ki namaz ki niyat : मग़रिब की नमाज़ की नियत

मग़रिब की 3 रकात फ़र्ज़ नमाज़ की नियत इमाम साहब के पीछे

नियत की मैंने 3 रकात नमाज़ फ़र्ज़ वास्ते अल्लाह ताला के, वक़्त ए मग़रिब, पीछे इस इमाम के मुंह मेरा तरफ़ काबा शरीफ़ के अल्लाह हु अकबर।

मग़रिब के फ़र्ज़ नमाज़ की पहली रकात पढ़ने का तरीका (इमाम साहब के पीछे)

इमाम साहब पहले आहिस्ता से सना पढेंगे, आप भी सना आहिस्ता से पढ़ ले

आपको दूसरा ताउज़ नहीं पढ़ना है, यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम, दूसरा ताउज़ इमाम साहब पढे़ंगे

इमाम साहब सना पढ़ने के बाद किरत के साथ सूरह फातिहा पढ़ेंगे फिर एक क़ुरान की आयत पढ़ेंगे और अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएंगे, आप भी अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएँ।

रुकू में आप 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढे़, फ़िर इमाम साहब समिअल्लाह हुलिमन हमिदह कहते हुए रुकु से खड़े हो जाएंगे और रब्बना लकल हम्द कहेंगे, आप भी रुकू से खड़े होते वक्त समिअल्लाह हुलिमन हमिदह कहें फिर 1-2 सेकंड रुक के रब्बना लकल हम्द कहे, फिर इमाम साहब अल्ला हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएंगे, आप भी अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं।

सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाएंगे 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हु अकबर कहते हुए दूसरे सजदे में चले जाएंगे, आप को अल्लाह हु अकबर कहते हुए दूसरे सजदे में चले जाना है, फिर इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएंगे, आप भी इमाम साहब के पीछे अल्लाह हू अकबर कहते हुए खड़े हो जाए दुसरी रकात के लिए।

Maghrib Namaz ke farz ki dusri rakat : मगरिब नमाज़ के फ़र्ज़ की दूसरी रकात

दूसरी रकात में आपको कुछ नहीं पढ़ना है, खामोश रह कर इमाम साहब की किरत को सुनना है। इमाम साहब किरत शूरु करेंगे, पहले सुरेह फातिहा पढे़ंगे, फिर कोई भी एक सूरत पढे़ंगे और अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएंगे।

आपको भी अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाना है, रुकू में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, फिर इमाम साहब समिअल्लाह हुलिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रुकु से खड़े होंगे, आपको भी समिअल्लाह हुलिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए खड़े हो जाना है।

फिर इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएंगे, आपको भी अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाना है, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढे़, एक सजदे के बाद दूसरा सजदा करना है और वही 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े।

फिर इमाम साहब दो ज़ानो हो कर बैठ जाएंगे, आप भी इमाम साहब के पीछे दो ज़ानो हो कर बैठ जाएं, यहाँ आपको आहिस्ता से अत्ताहियात पढ़ना है।

अत्ताहियात पढ़ते वक्त जब आप अशहदु अल्लाह पे आएं तो अपनी शाहादत की उंगली को उठा ले और जब इलाहा पर आऐं तो उंगली को नीचे कर ले।

फिर इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएंगे। तीसरी रकात में इमाम साहब किरत नहीं करेंगे और आहिस्ता से सुरेह फातिहा पढे़ंगे, आपको कुछ भी नहीं पढ़ना है, खामोशी से खड़े रहेंगे।

इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएंगे, आप को भी अल्लाह हू अकबर कहते हुए इमाम साहब के पीछे पीछे रुकू में चले जाना है। रुकू में जा के 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े।

फिर इमाम साहब समिअल्लाह हुलिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए रुकु से खड़े हो जाएंगे, आपको भी समिअल्लाह हुलिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए खड़े हो जाना है। इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएंगे, आप भी अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं।

सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढे़, इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाएंगे 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरे सजदे में चले जाएंगे, आप भी अल्लाह हु अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले।

फिर इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाएंगे, आप भी इमाम साहब के पीछे दो ज़ानो हो कर बैठे जाएं।

  1. पहले आप अत्तहिय्यात पढ़े
  2. फिर दुरूदे इब्रहीम पढ़े।
  3. फिर दुआ ए मासूरा या रब्बना आतिना फिद्दुनिया पढ़ ले

फिर इमाम साहब सलाम फेरेंग़े, पहले वो अपने दाहिने कंधे की तरफ देखेंगे और पढेंगे अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह, फिर बाएं कंधे की तरफ देखें और पढेंगे अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह

आप भी इमाम साहब के साथ पहले अपने दाहिने कंधे की तरफ देखे और पढ़े अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह, फिर बाएं कंधे की तरफ देखे और पढ़े अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह।

अगर आप मग़रिब के फ़र्ज़ खुद से ही पढ़ रहे हो तो

सबसे पहले नियत कर कर ले, नियत का तरीका नीचे दिया गया है

नियत की मैंने 3 रकात नमाज़ फ़र्ज़, फ़र्ज़ वास्ते अल्लाह ताला के, वक़्त ए मग़रिब, मुंह मेरा तरफ़ काबा शरीफ़ के अल्लाह हु अकबर।

नियत करने के बाद पहले आप सना पढ़े, फिर सूरह फातिहा और कोई एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ लें और अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाए।

रुकू में 3,5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढे़ और समिअल्लाह हुलिमन हमिदह कहते हुए खड़े हो जाएँ फिर रब्बना लकल हम्द कहें और अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाए।

सजदे में 3,5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बीयल आला पढे़, एक सजदे के बाद दूसरा सजदा कर ले, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे से खड़े हो जाए।

फिर दूसरी और तीसरी रकात ऐसे ही पढ़ ले, वाकी दोनो रक्तो में आपको सना नहीं पढ़ना है।

तीसरी रकात में जब आप दो ज़ानो हो कर बैठ जाए तो

  1. पहले आप अत्तहियात पढ़ें
  2. फिर दुरूद ए इब्रहीम पढ़ें
  3. फिर दुआ ए मासूरा या रब्बना आतिना फिद्दुनिया पढ़ें
  4. और सलाम फेर ले

ये आपकी मग़रिब की 3 रकात फ़र्ज़ की नमाज़ अदा हो गई

Maghrib ki 2 rakat sunnat padhne ka tarika : मग़रिब की 2 रकात सुन्नत पढ़ने का तरीका

सबसे पहले नियत कर ले

मग़रिब की 2 रकात सुन्नत की नियत

नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ सुन्नत, सुन्नत रसूलुल्लाह की, वास्ते अल्लाह ताला के वक्त ए मग़रिब, मुँह मेरा तरफ काबा शरीफ के अल्लाह हु अकबर।

नियत करने के बाद अल्लाह हु अकबर कहते हुए दोनो हाथो को नाफ के नीचे बाँध ले,

  1. पहले बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम पढ़े
  2. फिर सना पढे़
  3. सना के बाद सुरेह फातिहा पढ़ले

उसके बाद कोई भी एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले

फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में 3,5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और समी अल्लाहु लिमन हमिदा कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहें।

फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाए, फिर 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले।

दूसरे सजदे के बाद अल्लाह हू अकबर कहते हुए खड़े हो जाएँ दुसरी रकात के लिए

Dusri rakat padhne ka sahi tarika : दूसरी रकात पढ़ने का सही तरीका

  1. आपको अब सना नहीं पढ़नी है
  2. सबसे पहले बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम पढे़
  3. फिर सुरेह फातिहा पढ़े

उसके बाद कोई भी एक कुरान के सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले

अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में फिर आपको 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और समिअल्लाह हुलिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहे।

अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठ जाएं, 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले, दूसरे सजदे में भी 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े।

अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे से उठ जाए और दो ज़ानो हो कर बैठ जाएँ

  1. सबसे पहले  अत्तहियात पढे़
  2. उसके बाद दुरूदे इब्रहीम पढ़े
  3. उसे बाद दुआ ए मासुरा या दुआ – रब्बना अतिना फिद्दुन्या पढ़ ले
  4. फिर सलाम फेर ले

Salam Pherne ka tarika : सलाम फेरने का तरीका

सलाम फेरने के लिए पहले आप अपने दाहिने कंधे की तरफ देखें और पढ़े अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह, फिर बाएं कंधे की तरफ देखे और पढ़े अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह।

ये आपकी मग़रिब की 2 रकात सुन्नत अदा हो गई।

मग़रिब की 2 रकात नफिल नमाज़ पढ़ने का तरीका

2 रकात नमाज़ नफिल पढ़ने से पहले आपको नियत करनी होगी, नियत करने का सही तरीका नीचे दिया गया है

Maghrib ki 2 rakat nafil niyat ka tarika : मग़रिब की 2 रकात नफिल नियत का तरीका

नियत की मैने 2 रकात नमाज़ नफिल, नफिल वास्ते अल्लाह ताला के, वक्त ए मग़रिब, मुह मेरा तरफ काबे शरीफ के अल्लाह हु अकबर।

अल्लाह हू अकबर कहते हुए अपने दोनो हाथ कानो की लौ तक ले के जायें और अपनी नाफ के नीचे बांध ले।

  1. पहले आप सना पढ़े
  2. फिर सुरेह फातिहा पढ़े
  3. उसके बाद कोई भी एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले

और अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाए, रुकू में फिर आपको 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और सामिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहे। अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं।

सजदे के दौरान 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़ें, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठ जाए, 2-3 सेकंड रुक के अल्लाह हु अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले। दूसरे सजदे में भी 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े।

फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए खड़े हो जाएं दुसरी रकात के लिए,

Nafil namaz ki dusri rakat ka tarika : नफिल नमाज़ की दूसरी रकात का तरीका

अल्लाह हु अकबर कहते हुए खड़े हो जाएं और हाथो को नाफ के नीचे बांध ले

  1. यहाँ आपको सना नहीं पढ़ना है सुरेह फातिहा से शुरू करना है
  2. पहले सुरेह फातिहा पढ़े
  3. फिर कोई एक कुरान की सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले

अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकू में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े।

और समिअल्लाह हुलिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहें। अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं।

सजदे में वही 3,5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढे़, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाए, 2-3 सेकंड रुक के अल्लाह हु अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले। दूसरे सजदे में भी 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े।

उसके बाद दो ज़ानो हो कर बैठ जाएँ

  1. सबसे पहले अत्तहियात पढे़
  2. फिर दुरूद ए इब्रहीम पढे़
  3. फिर दुआ ए मासूरा या रब्बना अतैना फिद्दुन्या पढे़
  4. फिर सलाम फेर ले

Salam pherene ka tarika : सलाम फेरने का तरीका

सलाम फेरने के लिए पहले आप अपने दाहिने कंधे की तरफ देखें और पढ़े अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह, फिर बाएं कंधे की तरफ देखे और पढ़े अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह।

ये आपकी मगरिब की नमाज़ मुक्कमल हो गई।

Namaz ke baad dua karne ka tarika : नमाज़ के बाद दुआ करने का तरीका

  1. सबसे पहले आप हुज़ूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम पर दुरूद पढे़
  2. फिर दुआ अल्लाह हुम्मा अंतस सलाम पढे़
  3. उसके बाद सुरेह अल्लाह हुम्मा रब्बना अतैना पढ़े
  4. फिर आप सुरेह रब्बिज अ़लनी मुक़ीमस़्सलाति पढे़

उसके बाद अपनी दुआ में सरकार ए दो आलम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का वास्ता दे के अल्लाह ताला से दुआ करे। इंशा अल्लाह, अल्लाह ताला आपकी दुआ कुबूल करेगा। अल्लाह ताला बहुत रहीम है, करीम है, माफ करने वाला है, दुआ को कुबूल करने वाला है। अपनी दुआ को सच्चे दिल से मांगे, बेशक अल्लाह ताला आपकी दुआ को कुबूल करेगा। इंशा अल्लाह!

अल्लाह ताला अपने प्यारे नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदके़ से अपने तमाम बंदो की जायज़ दुआ को कुबूल फरमाये। आमीन

Maghrib ki namaz ki fazilat : मगरिब की नमाज़ की फ़ज़ीलत

  1. सरकारे मदीना सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जिस ने मगरिब की नमाज़ जमात के साथ अदा की उसके लिए मक़बूल हज या उमरे का सबाब लिखा जाएगा या वो ऐसा हा गया जैसे उसने शबे क़द्र में क़याम किया हो (जमउ़ ल जवामेए़, 7/195, हदीस 22311)
  2. हज़रत अबूअय्यूब अंसारी रदिअल्लाहु अन्हु से रिवायत है हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया मेरी उम्मत भलाई पर रहेगी या फरमाया फितरत ए इस्लाम पर रहेगी जब तक मग़रिब की नमाज़ तारों के घने हो जाने तक देर ना करे – (अबू दाऊद 1/195, हदीस: 22311)
  3. रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो शख्स मग़रिब के बाद 6 रकात पढ़े और उनके दरमियान में कोई बुरी बात न कहे तो 6 रकात 12 साल की इबादत के बराबर होगी (तिर्मिज़ी, 1/439, हदीस: 435)),
  4. हज़रत सैय्यदुना हुज़ैफ़ा रदिअल्लाहुअन्हु से रिवायत है की हुज़ूर ए अक़दस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया मग़रिब के बाद की 2 रकात (सुन्नते) जल्दी पढ़ा करो क्योंकी वो फ़र्ज़ के साथ उठाई जाती हैं (मिश्कात उल मसाबीह, 1/234 हदीस: 1185)

हुज़ूर नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया मग़रिब की नमाज़ के बाद जो शख्स 6 रकात पढ़ता है उसके गुनाह बख्श दिए जाते हैं अगर चे समुंदर के झाग के बराबर हो

एक हदीस में हुज़ूरे अक़दस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया मग़रिब के वक्त सारे बुरे जिन्न या साए आज़ाद कर दिए जाते हैं अगर कोई इनसे बचना चाहता है तो मग़रिब की नमाज़ अदा करें।

अजकल जो लोग तावीज़ गंडो में पड़े हुए हैं अगर वो ठीक से मग़रिब की नमाज़ अदा करते , तो उनको तावीज़ गंडो की ज़रूरत नहीं पड़ती। दुनयावी फायदो में वही फायदा है, जो और नमाज़ों का है लेकिन जिन्नो या बुरे सायों से वचने के लिए सबसे बेहतर तरीका मगरिब की नमाज़ है

Namaz ke kuch zaruri arkaan : नमाज़ के कुछ ज़रुरी अरकान

  1. जब आप नियत करे तो अपने दो हाथो को उठा के कानो की लौ तक ले के जाये
  2. जब नियत बाँधे तो आपके दाहिने हाथ की 3 उंगली, बाएं हाथ की कलाई के ऊपर रहनी चाहिए
  3. मर्द हज़रात नियत को नाफ़ के नीचे बाँधे और औरते नियत को सीने पर बाँधे
  4. नियत बाँधने के बाद अपनी नज़र को सजदे की जगह पर रखे
  5. नमाज़ के दौरान बिना ज़रूरत के अपने हाथ को नहीं उठाये
  6. जब रुकू में जाएं तो अपने दो हाथों के पंजो (यानी उंगलीयो) को घुटनों के चारो तरफ रखे
  7. रुकू में अपनी नज़र पैरों के अंगूठों पर रखें
  8. जब सजदे में जाए तो पहले आपके घुटने ज़मीन पर लगने चाहिए फिर दोनों हाथ फिर नाक ( इस तरह के नरम हड्डी ज़मीन पर लग जाए) उसके बाद आपका माथा ज़मीन पर लगे
  9. सजदे के दौरान दोनो हाथो की कलाई कोहनी तक उठी होनी चाहिए, दोनो हाथ जमीन पर नहीं लगाना चाहिए
  10. सजदे के दौरान दोनो हाथ दोनो कानो के पास होने चाहिए, और आपकी राने आपके पेट से नहीं लगनी चाहिए
  11. सजदे में अपनी नज़र अपनी गोद में रखे
  12. दो ज़ानो होते वक़्त आप अपने बाएं पैर को ज़मीन पर बिछा के उस पर बैठ जाए, और आपके दाहिने पैर की कम से कम 3 उंगलियों का पेट ज़मीन पर लगा ले
  13. सलाम फेरते वक्त पहले अपने दाहिने कंधे की तरफ फिर अपने बाएं कंधे की तरफ देखे
  14. नमाज़ धीरे धीरे पढ़े, कोई भी जल्दबाजी नहीं करे
  15. मस्जिद में भाग दौड़ करना, दुनिया की बात करना, जोर से हसना सख्त मना है, इन सब बातो से बचे

Conclusions : नतिजा

आज हमने इस पोस्ट में मग़रिब की नमाज़ का तरीका, मग़रिब की नमाज़ की रकात और मग़रिब की नमाज़ का वक्त के वारे में बात की है। इसके अलावा मग़रिब की नमाज़ की रकात और मग़रिब की नमाज़ की फ़ज़ीलत और नमाज़ के बाद दुआ करने का तरीका तफ़सील से बताया है। उम्मीद करता हुँ ये पोस्ट आपको पसंद आएगी, इंशा अल्लाह।

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इस पोस्ट को लिखने या कहने में कोई गलती हो गई हो तो अल्लाह से दुआ है की वो सरकार ए मदीना सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदके से माफ कर दे।

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