हैलो दोस्तो अस्सलामु अलैकुम, Rozanamaz.org में आपका इस्तकबाल करता हूं हम लोग यहाँ ईशा की नमाज़ के बारे में सब कुछ जानेंगे।
अल्लाह ताला ने हम सब मुसलमानो पर 5 वक्त की नमाज़ फर्ज़ की है, सूरते हाल कोई सा भी हो, हमें नमाज़ अदा करनी ही है। हुज़ूरे अक़दस सल्लल्लाहो ताला अलेैही वसल्लम ने ईशा की नमाज़ पढ़ने की बहुत सारी बरकते बयान की है।
ईशा की नमाज़ दिन की 5वीं नमाज़ है और सबसे आखरी नमाज़ है। ईशा की नमाज़ रात में पढ़ी जाती है और ये नमाज़ सब नमाज़ से बड़ी नमाज़ है। इस नमाज़ में 17 रकात होती है, सबसे ज़्यादा रकात ईशा की ही नमाज़ में होती है। तो जानते हैं ईशा के नमाज़ के बारे में सब कुछ……
Isha ki namaz ka waqt : ईशा की नमाज़ का वक्त
- ईशा की नमाज़ का वक्त मगरिब की नमाज़ के खत्म होते ही शुरू हो जाता है और फज्र सादिक़ तक रहता है
- ईशा की नमाज़ में तिहाई रात तक (1/3) ताख़ीर (देर) करना मुस्तहब है और आधी रात तक ताख़ीर मुबाह है /( दुर्रे मुख्तार)
- ईशा की नमाज़ में आधी रात से ज़्यादा ताख़ीर करना मकरूह है
- बादल के दिनों में असर और ईशा की नमाज़ जल्दी पढ़ना मुस्तहब है और बाक़ी नमाज़ों को देर से पढ़ना मुस्तहब है/
- जाड़ों में ईशा की नमाज़ का वक्त जल्दी शुरू हो जाता है और गर्मियों में ईशा की नमाज़ का वक्त देर से शुरू होता है /
isha ki namaz ki fazeelate – ईशा की नमाज़ की फज़ीलतें
- इब्ने माजा हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने उमर रज़ि अल्लाहु ताला अन्हुमा से रावि हुज़ूरे अक़दस सल्लल्लाहो ताला अलैही वसल्लम फरमाते हैं जो मस्जिद में 40 रातें बा जमात नमाज़े ईशा पढ़ें और पहली रकत ना छूटे तो अल्लाह ताला उसके लिए दोज़ख से आज़ादी लिख देता है/
- नबीये करीम सल्लल्लाहो ताला अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया फर्ज़ नमाज़ों में मुनाफिक़ीन के लिए सबसे मुश्किल नमाज़ फज्र और ईशा की नमाज़ है/ ( अल हदीस तिबरानी)
- नबीये करीम सल्लल्लाहो ताला अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो ईशा की नमाज़ के लिए हाज़िर हुआ गोया(मानो) उसने आधी रात तक क़याम किया /( अल हदीस बेहक़ी)
- नबीये करीम सल्लल्लाहो ताला अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया वित्र हक है और जो वित्र ना पढ़े वह हम मे से नहीं/
Isha ki namaz ki rakate : ईशा की नमाज़ की रकाते
रकातें गिनती
(Rakate). (ginti)
सुन्नते ग़ैर मुअक्कदा 4
फर्ज़ 4
सुन्नते मुअक्कदा 2
नफिल 2
वित्र (वाजिब 3
नफिल 2
Isha ki namaz ki niyat : ईशा की नमाज़ की नियत
Ayat e quran ki roshini me: आयाते क़ुरान की रोशनी में
अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त क़ुरान मजीद मे इरशाद फरमाता है

तरजुमा – और जो आखिरत को चाहे और उसकी कोशिश करें और वह ईमान वाला हो तो उसकी कोशिश पूरी हुई/
इस आयत से मालूम हुआ अमल की मक़बूलियत के लिए तीन चीज़ों का होना ज़रूरी है
- आख़िरत का तलब गार होना यानी नेक नियत का होना
- अमल को उसके हुकूक के साथ अदा करना
- ईमान का होना जो सबसे ज़्यादा ज़रूरी है
नियत के मुताल्लिक हदीसें
- आमाल का दारोमदार नियत पर है और हर शख्स के लिए वही है जिसकी वह नियत करता है
- मोमिन की नियत उसके अमल से बेहतर है
- अच्छी नियत बंदे को जन्नत में दाखिल कर देती है
Isha ki namaz ki Niyat ka tarika : ईशा की नमाज़ की नियत का तरीका
वुज़ू करने के बाद कि़बले की तरफ मुंह करके खड़े हो जाएं और ईशा की नमाज़ में सबसे पहले 4 रकात नमाज़ सुन्नते मुअक्कदा की नियत करें सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम “पढ़ें फिर नियत करें
मैं नियत करता हूं/करती हूं 4 रकात सुन्नत, सुन्नत रसूल अल्लाह के वास्ते अल्लाह ताला के वक्त ए ईशा मुंह मेरा तरफ काबा शरीफ के अल्लाह हू अकबर”
Isha ki 4 rakat sunnat padhne ka tarika : ईशा की 4 रकात सुन्नत पढ़ने का तरीका
अल्लाह हू अकबर कहते हुए कानों तक हाथ ले जाए फिर हाथ मर्द नाफ के नीचे बांध ले और औरत सीने पर
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- फिर सना पढ़ें ” सुबह़ानकल्लाहुम्मा वबिहमदिका
- फिर सुरेह फातिहा पढ़े
- उसके बाद कुरान की कोई एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में 3,5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और समी अल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहें।
फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबहाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाए, फिर 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले।
दूसरे सजदे के बाद अल्लाह हू अकबर कहते हुए खड़े हो जाएँ दुसरी रकात के लिए
ईशा सुन्नत की दुसरी रकात पढ़ने का तरीका
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- आपको सना नहीं पढ़ना है
- फ़िर सुरेह फ़ातिहा पढ़े
- उसके बाद कोई एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में फिर आपको 3, 5 या 7 मरतबा सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और समिअल्लाह हुलिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहे।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठ जाएं, 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले, दूसरे सजदे में भी 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे से उठ जाए और दो ज़ानो हो कर बैठ जाएँ
दो ज़ानो हो कर बैठने के बाद आप अत्तहियात पढ़े, अत्तहियात पढ़ते वक्त जब आप अशहदो अल्लाह पर आयें तो अपनी शाहादत की उंगली को उठा ले और जब आप इलाहा पर आयें तो उंगली को नीचे कर ले।
अल्ल्हा हु अकबर कहते हुए तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
तीसरी और चौथी रकात बिलकुल दूसरी रकात की तरह पढ़ ले, चौथी रकात का जब दूसरा सजदा कर ले तो दो ज़ानो हो कर बैठ जाए.
- सबसे पहले आप अत्तहिय्यात पढ़े
- उसके बाद दुरूद ए इब्राहीम पढ़े
- फिर दुआ ए मासूरा या फिर रब्बना अतिना फिद्दुन्या पढ़ ले
- उसके बाद सलाम फेर ले
Salam Pherene ka tarika : सलाम फेरने का तरीका
पहले आप अपने दाएं कंधे की तरफ देखे और पढ़े अस्सलामुअलैकुम वारहमतुल्लाह फिर आप बाएं कंधे की तरफ देखे और पढ़े अस्सलामुअलैकुम वारहमतुल्लाह
ये आपकी ईशा की 4 रकात सुन्नत की नमाज़ मुकम्मल हो गई।
Isha ki namaz ke 4 farz padhne ke tarika : ईशा की नमाज़ के 4 फर्ज़ पढ़ने के तरीका
फ़र्ज़ की नमाज़ दो तरीके से पढ़ी जाती है, इमाम साहब के पीछे फिर घर पर खुद से ही पढ़ रहे हैं। हम यहाँ दोनो तरहा से नमाज़ पढ़ने का तरीका बताएंगे।
अगर आप फर्ज़ की नमाज़ खुद से ही पढ़ रहे हैं तो केसे पढेंगे
सबसे पहले नियत कर ले, नियत का तरीका नीचे दिया गया है।
नियत की मैंने 4 रकात नमाज़ फ़र्ज़ वास्ते अल्लाह ताला के, वक़्त ए ईशा मुह मेरा तरफ़ काबे शरीफ़ के अल्लाह हु अकबर।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए दोनो हाथ कानो तक ले के जाये और नियत बांध ले, मर्द नाफ के नीचे बांध ले और औरत सीने पर.
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- फिर सना पढ़ें ” सुबह़ानकल्लाहुम्मा वबिहमदिका
- फ़िर सुरेह फ़ातिहा पढ़े
- उसके बाद क़ुरान के कोई एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में 3,5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और समि अल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहें।
फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाए, फिर 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले।
दूसरे सजदे के बाद अल्लाह हू अकबर कहते हुए खड़े हो जाएँ दुसरी रकात के लिए
Farz Namaz ki dusri rakat ka tarika : फ़र्ज़ नमाज़ की दुसरी रकात का तरीका
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- आपको सना नहीं पढ़ना है
- फ़िर सुरेह फ़ातिहा पढ़े
- उसके बाद कोई एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में फिर आप 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और समिअल्लाह हुलिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहे।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठ जाएं, 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले, दूसरे सजदे में भी 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे से उठ जाए और दो ज़ानो हो कर बैठ जाएँ
दो ज़ानो हो कर बैठने के बाद आप अत्तहियात पढ़े, अत्तहियात पढ़ते वक्त जब आप अशहदु अल्लाह पर आयें तो अपनी शहादत की उंगली को उठा ले और जब आप इलाहा पर आयें तो उंगली को नीचे कर ले।
अल्ल्हा हु अकबर कहते हुए तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
तीसरी और चौथी रकात बिलकुल दूसरी रकात की तरह पढ़ ले, चौथी रकात का जब दूसरा सजदा कर ले तो दो ज़ानो हो कर बैठ जाए।
- सबसे पहले आप अत्तहिय्यात पढ़े
- उसके बाद दुरूद ए इब्राहीम पढ़े
- फिर दुआ ए मासूरा या फिर रब्बना अतिना फिद्दुन्या पढ़ ले
- उसके बाद सलाम फेर ले
Salam Pherene ka tarika : सलाम फेरने का तरीका
पहले आप अपने दाएं कंधे की तरफ देखे और पढ़े अस्सलामुअलैकुम वारहमतुल्लाह फिर आप बाएं कंधे की तरफ देखे और पढ़े असलमुअलैकुम वारहमतुल्लाह।
ये आपकी ईशा की 4 रकात फ़र्ज़ की नमाज़ मुकम्मल हो गई।
अगर ईशा के 4 फ़र्ज़ इमाम साहब के पीछे पढ़ रहे हैं तो केसे पढ़े
इमाम साहब के पीछे सफो में खड़े हो जाएं, औ नियत कर ले, इमाम साहब के पीछे नियत करने का तरीका नीचे दिया गया है।
नियत की मैंने 4 रकात नमाज़ फ़र्ज़, वास्ते अल्लाह ताला के पीछे इस इमाम के वक़्त ए ईशा, मुह मेरा तरफ़ काबे शरीफ़ के अल्लाह हु अकबर।
इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए नियत बांध लेंगे, आप भी अल्लाह हु अकबर कहते हुए नियत बांध ले।
- सबसे पहले आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमानिर्रहीम पढ़े
- उसके बाद आप सना पढ़े
और खामोश होके इमाम साहब की किरत को सुनते रहे, आपको कुछ नहीं पढ़ना है, इमाम साहब की किरत को सुनते रहे।
- इमाम साहब पहले सुरेह फातिहा पढेंगे
- फिर कोई एक क़ुरान की सुरेह पढेंगे
और अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएंगे, आप भी अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं रुकू में 3,5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े फिर इमाम साहब समी अल्लाहु लिमन हमिदह ज़ोर से पढ़ते हुए रुकू से सीधे खड़े हो जाएंगे आपको भी सामि अल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए खड़े हो जाना है।
फिर इमाम साहब अल्ला हू अकबर कहते हुए सजदे में जाएंगे, आपको भी अल्लाह हू आकर कहते हुए इमाम साहब के पीछे पीछे सजदे में चले जाना है।
सजदे में आप 3, 5 या 7 मरतबा सुबहाना रब्बियल आला पढ़े, फिर इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठ जाएंगे 2-3 सेकेंड के लिए तो आप भी ऐसा ही करें। फिर इमाम साहब अल्लाह हु अकबर कहते हुए दूसरा सजदा करेंगे, आप भी इमाम साहब के पीछे पीछे दूसरे सजदे में चले जाएंगे, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबहाना रब्बियल आला पढ़े।
फिर इमाम साहब अल्लाहु हु अकबर कहते हुए दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएंगे, आप भी अल्लाह हु अकबर कहते हुए दसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
फिर दूसरी, तीसरी और चौथी रकात में आपको कुछ नहीं पढ़ना है, सना भी नहीं पढ़ना है, इमाम साहब दूसरी रकात के बाद किरात नहीं करेंगे, आहिस्ता आहिस्ता पढेंगे, आप खामोश होके इमाम साहब के साथ साथ रुकू और सजदा करते रहे।
आप रुकु में सुबहाना रब्बियल अज़ीम और सजदे में सुबहाना रब्बियल आला पढ़ते रहे.
जब आप इमाम साहब के पिछे चौथी रकात का दूसरा सजदा कर ले और दो ज़ानो हो कर बैठ जाए
- सबसे पहले आप अत्तहियात पढ़े
- फिर आप दुरूद ए इब्राहिम पढे़
- फिर दुआ ए मासूरा या रब्बना अतैना पढे़
- फिर इमाम साहब सलाम फेरेंगे, आप भी उनके साथ साथ सलाम फेर ले
Salam pherne ka tarika : सलाम फेरने का तरीका
पहले आप अपने दाएं कंधे की तरफ देखे और पढ़े अस्सलामुअलैकुम वारहमतुल्लाह फिर आप बाएं कंधे की तरफ देखे और पढ़े असलमुअलैकुम वारहमतुल्लाह।
फिर इमाम साहब दुआ करने के लिए हाथ उठाएंगे तो आप उनके पीछे आमीन कहते रहें।
ये आपके 4 ईशा के 4 फर्ज़ इमाम साहब के पिछे मुकम्मल हो गए।
फ़र्ज़ के बाद 2 रकात सुन्नत नमाज़ पढ़ने का तरीका
पहले नियत कर ले, नियत का तरीका नीचे दिया गया है
नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ सुन्नत, सुन्नत रसूल अल्लाह के, वास्ते अल्लाह ताला के, वक़्त ए ईशा मुह मेरा तरफ़ काबे शरीफ़ के अल्लाह हु अकबर।
ईशा की 2 रकात सुन्नत पढ़ने का तरीका
अल्लाह हू अकबर कहते हुए कानों तक हाथ ले जाए फिर हाथ मर्द नाफ के नीचे बांध ले और औरत सीने पर
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- फिर सना पढ़ें ” सुबह़ानकल्लाहुम्मा वबिहमदिका
- फ़िर सुरेह फ़ातिहा पढ़े
- उसके बाद क़ुरान के कोई एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में 3,5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और समी अल्लाहु लिमन हमीदा कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहें।
फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबहाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाए, फिर 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले।
दूसरे सजदे के बाद अल्लाह हू अकबर कहते हुए खड़े हो जाएँ दुसरी रकात के लिए
Isha sunnat ki Dusri rakat padhne ka tarika : ईशा सुन्नत की दुसरी रकात पढ़ने का तरीका
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- आपको सना नहीं पढ़नी है
- फिर सुरेह फातिहा पढ़े
- उसके बाद कोई एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में फिर आप 3, 5 या 7 मरतबा सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और समिअल्लाह हुलिमान हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहे।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठ जाएं, 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले, दूसरे सजदे में भी 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे से उठ जाए और दो ज़ानो हो कर बैठ जाएँ
दो ज़ानो हो कर बैठने के बाद
- सबसे पहले आप अत्तहियात पढ़े
- फिर आप दुरूद ए इब्राहिम पढे़
- फिर दुआ ए मासूरा या रब्बना अातिना पढे़
- फिर आप सलाम फेर ले
Salam pherne ka tarika : सलाम फेरने का तरीका
पहले आप अपने दाएं कंधे की तरफ देखे और पढ़े अस्सलामुअलैकुम वारहमतुल्लाह फिर आप बाएं कंधे की तरफ देखे और पढ़े असलमुअलैकुम वारहमतुल्लाह।
ये आपकी 2 रकात सुन्नत नमाज़ अदा हो गई।
Isha ke 2 rakat nafil padhne ka tarika : ईशा के 2 रकात नफिल पढ़ने का तरीका
क़िबले की तरफ़ मुह करके खड़े हो जाएं और नियत कर ले
नियत की मेने 2 रकात नमाज़ नफिल, वास्ते अल्लाह ताला के वक्त ए ईशा मुह मेरा तरफ काबे शरीफ के अल्लाह हु अकबर।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए नियत बांध ले, मर्द हज़रात अपनी नाफ़ के नीचे और औरते सीने पर
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- फिर सना पढ़ें ” सुबह़ानकल्लाहुम्मा वबिहमदिका
- फिर सुरेह फातिहा पढ़े
- उसके बाद क़ुरान की कोई एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में 3,5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और समी अल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहें।
फिर अल्लाह हुअकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाए, फिर 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले।
दूसरे सजदे के बाद अल्लाह हु अकबर कहते हुए खड़े हो जाएँ दुसरी रकात के लिए
Nafil namaz ki dusri rakat padhne ka tarika : नफिल नमाज़ की दुसरी रकात पढ़ने का तरीका
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- फिर सुरेह फातिहा पढ़े
- उसके बाद क़ुरान की कोई एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
और अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में 3,5 ya 7 मरतबा 3, 5 या 7 मरतबा सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढ़े।
और समिअल्लाह हुलिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बाना लकल हम्द कहें। अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं।
सजदे में 3,5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाए, 2-3 सेकंड रुक के अल्लाह हु अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले। दूसरे सजदे में भी 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े।
उसके बाद दो ज़ानो हो कर बैठ जाएँ
- सबसे पहले अत्तहियात पढे़
- फिर दुरूद ए इब्रहीम पढे़
- फिर दुआ ए मासूरा या रब्बना अातिना फिद्दुनिया पढ़ें
- फिर सलाम फेर ले
ये आपके ईशा नमाज़ के 2 नफिल अदा हो गए
witr ki namaz : वित्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका
वित्र की नमाज़ पढ़ना वाजिब है इसमें तीन रकाते होती हैं बहुत से लोग 2 रकात पर सलाम फेर लेते हैं वित्र में तीन रकातो के मुताल्लिक बहुत सी हदीसे मौजूद हैं जिनमें से कुछ मैं बयान कर देता हूं

तरजुमा : आयशा सिद्दीका रज़िअल्लाहुतआ़ला अन्हा से मरवी है वह फरमाती हैं के नबी ए करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम वित्रों की दो पहली रकातो में सलाम नहीं फिरते थे

तरजुमा : आयशा सिद्दीक़ा रज़िअल्लाहुतआ़ला अन्हा से मरवी है वह फरमाती हैं के नबी ए करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम 3 रकात वित्र पढ़ते उनमें से आखरी रकअ़त में सलाम फेरते और यह उमर बिन खत्ताब रज़िअल्लाहुतआ़ला अनहु के वित्र थे मदीने वालों ने यह तरीका उन्हीं से सीखा था
वित्र के तीसरी रकत में अलहम्द के बाद कोई सूरत पढ़ी जाती है उसके बाद दुआ ए क़ुनूत पढ़ी जाती है दुआ ए क़ुनूत का पढ़ना वाजिब है बगैर पढ़े वित्र की नमाज़ नहीं होगी
dua e kunoot : दुआए कुनूत
Dua e kunoot Arabic me : दुआ ए क़ुनूत अरबी में

Hindi me : हिन्दी में
अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तईनुका व नस्तग़फिरुका ,व नोअ़मिनू बिका व नतवक्कलू अ़लैइका, व नुस़्नी अ़लैइका-ल-खै़र ,व नश्कुरुका वला नकफुरुका ,व नख़लऊ़ व नतरूकु मंयफजुरूका, अल्लाहुम्मा इय्याका नअ़बुदु वलका नुस़ल्ली, व नसजुदु व इलैइका नसआ़ व नह़फिदू,व नरजू रह़मतका ,व नख़शा अ़ज़ाबका इन्ना अ़ज़ाबका बिल कुफ्फारि मुलह़िक़
और अगर किसी को दुआ ए कुनूत याद ना हो तो पहले दुआए क़ुनूत याद करें और जब तक याद ना हो तो यह पढ़े

रब्बना आतिना फिद्दुनियां ह़सनतौं व फिल आख़िरति ह़सनतौं व क़िना अ़ज़ाबन्नार
और अगर किसी को यह भी याद ना हो तो यह पढ़ें

अल्लाहुम्म -ग़-फिरलना
witr ki 3 rakat namaz ki niyat : वित्र की 3 रकात नमाज़ की नियत
नियत की मैंने 3 रकात नमाज़ वित्र वाजिब, वास्ते अल्लाह ताला के वक्ते ईशा मुँह मेरा तरफ काबे शरीफ के अल्लाह हु अकबर।
अल्लाह हु अकबर कहते हुए दोनो हाथ कानो तक ले के जाए, मर्द हज़रात अपनी नाफ़ के नीचे और औरते सीने पर बांध ले।
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- फिर सना पढ़े
- फिर सुरेह फातिहा पढ़े
- उसके बाद क़ुरान की कोई एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
फिर आप अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकू इस तरह से करे की आपका सर और कमर बराबर हो जाए, आप अपने हाथ अपने घुटनो पर रखे और 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े।
और समी अल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहें।
फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाए, फिर 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले।
दूसरे सजदे के बाद अल्लाह हू अकबर कहते हुए खड़े हो जाएँ दुसरी रकात के लिए
witr ki dusri rakat padhne ka tarika : वित्र की दूसरी रकात पढ़ने का तरीका
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- आपको सना नहीं पढ़ना है
- फिर सुरेह फातिहा पढ़े
- उसके बाद कोई भी एक कुरान के सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में फिर आपको 3, 5 या 7 मरतबा सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और समिअल्लाह हुलिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहे।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठ जाएं, 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले, दूसरे सजदे में भी 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे से उठ जाए और दो ज़ानो हो कर बैठ जाएँ
पहले आप अत्तहियात पढ़े, अत्तहियात पढ़ते वक्त जब आप अशहदो अल्लाह पर आयें तो अपनी शाहादत की उंगली को उठा ले और जब आप इलाहा पर आयें तो उंगली को नीचे कर ले।
और अल्लाह हु अकबर कहते हुए वित्र की तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- फिर सुरेह फातिहा पढ़े
- उसके बाद कोई भी एक कुरान की सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
नोट: वित्र की नमाज़ की तीसरी रकात में हमको दुआ क़ुनूत पढ़नी होती है, यहाँ हम उसका तरीका बता रहे है।
और अल्लाह हु अकबर कहते हुए दोनो हाथ कानो तक लेके जाये (मुँह जैसा है वैसा रहने दें) और नियत बांध ले। नियत बांधने के बाद दुआए क़ुनूत पढ़े। दुआए क़ुनूत हमने ऊपर लिख दी है।
अगर दुआए क़ुनूत याद नहीं है तो पहले याद कर ले, जब तक आप रब्बना आतिना फिद्दुनिया पढ़ें , अगर ये भी याद नहीं हो तो अल्लाहुम्म -ग़-फिरलना पढ़ ले.
अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में फिर आप 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और समिअल्लाह हुलिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहे।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठ जाएं, 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले, दूसरे सजदे में भी 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे से उठ जाए और दो ज़ानो हो कर बैठ जाएँ
- सबसे पहले अत्तहियात पढ़े
- उसके बाद दुरूदे इब्राहीम पढ़े
- उसे बाद दुआ ए मासुरा या दुआ – रब्बना अातिना फिद्दुन्या पढ़ ले
- फिर सलाम फेर ले
ये आपकी वित्र की 3 रकात की नमाज़ अदा हो गई!
Isha ke akhri 2 nafil padhne ka tarika : ईशा के आखिरी 2 नफिल पढ़ने का तरीका
क़िबले की तरफ़ मुह करके खड़े हो जाओगे और नियत कर ले
ईशा के 2 नफिल की नियत का तरीका
नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ नफिल, वास्ते अल्लाह ताला के, वक्त ए ईशा मुँह मेरा तरफ काबा शरीफ के अल्लाह हु अकबर।
अल्लाह हू अकबर कहते हुए नियत बांध ले, मर्द हज़रात अपनी नाफ़ के नीचे और औरते सीने पर
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- फिर सना पढ़ें ” सुबह़ानकल्लाहुम्मा वबिहमदिका
- फ़िर सुरेह फ़ातिहा पढ़े
- उसके बाद क़ुरान के कोई एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुकु में 3,5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े, और समि अल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहें।
फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं, सजदे में 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाए, फिर 2-3 सेकेंड रुक के अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले।
दूसरे सजदे के बाद अल्लाह हू अकबर कहते हुए खड़े हो जाएँ दूसरी रकात के लिए
नफिल नमाज़ की दूसरी रकात पढ़ने का तरीका
- सबसे पहले “अऊ़ज़ु बिल्लाही मिनश्शैत़ुआ निर्रजीम”पढ़ें
- फ़िर सुरेह फ़ातिहा पढ़े
- उसके बाद क़ुरान के कोई एक सुरेह जो भी आपको याद हो पढ़ ले
और अल्लाह हु अकबर कहते हुए रुकु में चले जाएं, रुक 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल अज़ीम पढ़े।
और समिअल्लाह हुलिमान हमिदह कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहें। अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं।
सजदे में 3,5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े, फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए दो ज़ानो हो कर बैठे जाए, 2-3 सेकंड रुक के अल्लाह हु अकबर कहते हुए दूसरा सजदा कर ले। दूसरे सजदे में भी 3, 5 या 7 मरतबा सुबह़ाना रब्बियल आला पढ़े।
उसके बाद दो ज़ानो हो कर बैठ जाएँ
- सबसे पहले अत्तहियात पढे़
- फिर दुरूद ए इब्राहिम पढे़
- फिर दुआ ए मासूरा या रब्बना अातिना फिद्दुन्या पढे़
- फिर सलाम फेर ले
ये आपकी ईशा नमाज़ की नमाज़ मुकम्मल हो गई!
Namaz ke baad dua karne ka tarika : नमाज़ के बाद दुआ करने का तरीका
- सबसे पहले आप हुज़ूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम पर दुरूद पढे़
- फिर दुआए अल्लाह हुम्मा अंतस सलाम पढे़
- उसके बाद सुरेह अल्लाह हुम्मा रब्बना आतिना पढ़े
- फिर आप सूरेह रब्बिज अलनी मुक़ीमस़्सलाती पढे़
उसके बाद अपनी दुआ में हुज़ूरे अक़दस सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम का वस्ता दे के अल्लाह ताला से दुआ करे। इंशा अल्लाह, अल्लाह ताला आपकी दुआ कुबूल करेगा। अल्लाह ताला बहुत रहीम है, करीम है, माफ करने वाला है, दुआ को कुबूल करने वाला है। अपनी दुआ को सच्चे दिल से मांगे, बेशक अल्लाह ताला आपकी दुआ को कुबूल करेगा। इंशा अल्लाह!
अल्लाह ताला हुज़ूरे अक़दस सल्लल्लाहो ताला अलैही वसल्लम के सदके से अपने तमाम बंदो की जायज़ दुआ को कुबूल फरमाये। आमीन
Conclusions : नतिज़ा
हमने इस पोस्ट में ईशा की नमाज़ के बारे में तफसील से बताया है की ईशा की नमाज़ का तरीका क्या है, नमाज़ में कितने रकात होती हैं, ईशा की नमाज़ का वक्त कब तक रहता है और वित्र का तरीका क्या है।
उम्मीद करता हूं की ये पोस्ट आपको पसंद आएगी, हमको कमेंट करके जरूर बताएं और हो सके तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
इस पोस्ट को लिखने या कहने में कोई गलती हो गई हो तो अल्लाह से दुआ है की वो हुज़ूरे अक़दस सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के सदके़ से माफ कर दे।