Fajar ki Namaz Ka Tarika : Fajar namaz time | फज़र की नमाज़ पढ़ने का तरीका

क्या आपको फजर की नमाज़ का सही तरीका पता है फजर की नमाज़ में कितनी रकात होती है और फजर की नमाज़ की नियत कैसे करते हैं। आप यहां फजर की नमाज़ के बारे में सब कुछ पढ़ सकते हैं।

प्यारे हुज़ूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम के प्यारे दीवानो, अल्लाह ताला ने हम सब मुसलमानो पर 5 बार की नमाज़ फ़र्ज़ की है। ये हम सब के नबी और रसूल हुज़ूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम की मैहरबानी है, की अल्लाह ताला ने हमको नमाज़ का तोहफा दिया है.

नमाज़ एक सबसे बेहतर रास्ता है रब से अपने गुनाहो की माफी मांगे का। अल्ल्हा ताला फरमाता है की जब मेरा बंदा सच्चे दिल से तैवा करता है तो उसके कितने भी गुनाह क्यों ना हो, अल्लाह ताला अपनी रहमत से माफ कर देता है। जब अल्लाह ताला का कोई भी बंदा नमाज़ के लिए खड़ा होता है तो अल्लाह अपने फरिश्तों से फरमाता है की मेरे बंदे ने मेरे आगे सजदा किया है, इसके जितने भी गुना है सब की एक पोटली बना के इसके सर पर रख दो और जब वो बंदा सजदे मैं जाता है तो वो पोटली नीचे गिर जाती है। मतलाब ये हुआ की उस बंदे के अल्लाह ताला ने सारे गुनाह माफ कर दिए हैं।

हम सब मुसलमानो पर अल्लाह ताला ने 5 बार की नमाज़ फर्ज़ की है जिसमे फजर की नमाज़ सबसे पहले आती है। फजर की नमाज़ सबसे छोटी होती है लेकिन इसका सबाब सबसे ज्यादा होता है क्योंकि अल्हा ताला का बंदा नींद से उठ कर नमाज़ पढ़ने जाता है।

फजर की नमाज़ का टाइम : Fajar ki Namaz ka Time

फजर की नमाज़ का वक्त सूरज निकलने से पहला होता है, ये नमाज़ सूरज के निकलने से पहले अदा की जाती है

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फजर की नमाज़ पढ़ने की शर्तें: Fajar ki Namaz padhne ki sharte

  1. बा बूजू होना
  2. कपडो का पाक साफ होना
  3. बदन का पाक साफ होना (अगर ना-पाक है तो पहले ग़ुस्ल कर के नाह ले)
  4. सतर का ढाका होना (मर्द के लिए नाफ से नीच का हिसा सत्र होता है औरत के लिए पुरा बदन ढका होना जरूरी है)
  5. जिस जगहा नमाज़ पड़नी हो वो पाक होना
  6. नमाज़ का टाइम होना
  7. क़िबला की तरफ़ मुह होना
  8. तकबीर ए तहरीमा (यानी अल्लाह हु अकबर कहना)

फजर की नमाज़ पढ़ने का तरीका : Fajar ki Namaz padhne ka tarika

फजर की नमाज़ मैं 4 रकते होती है 2 सुन्नत और 2 फ़र्ज़

सबसे पहले वुज़ू कर ले, अगर वुज़ू का तारिका नहीं पता है तो पहले हमारी पोस्ट पड़ ले जिसमे हम-ने बुज़ू का तफ़सील से बयान किया है।

फजर की नमाज़ की नियत कैसे करे : Fajar ki namaz ki niyat kese kre

नियत की मैने 2 रकात नमाज़ सुन्नत, सुन्नत रसूल अल्ला के, वास्ते अल्लाह ताला के वक्त ए फजर मुह मेरा तरफ काबे शरीफ के अल्लाह हु अकबर कहते हुये दोनो हाथ नाफ के नीचे बांध ले।

फजर नमाज की 2 रकात सुन्नत का तरीका

  1. किबला की तरह मुह करके खड़े हो जाएं
  2. फिर नियत कर ले।
  3. पहले अपने दो हाथो को उठा के कानो की लौ तक ले के जाए याद रहे की आपके दोनो हाथो की 10 उंगलियों का रुख भी किबला की तरफ होना चाहिए
  4. सबसे पहले बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम पढ़े फिर नियत करे  
  5. फिर सना पढ़े।
  6. फिर सूरह फ़ातिहा पढ़े
  7. उसके बाद कोई एक सूरत पढ़ ले जो भी आपको याद हो जैसे सूरह इखलास, सूरह नास, सूरह काफिरून, सूरह फलक, सूरह कौसर
  8. फिर अल्ल्हा-हु-अकबर कहते हैं रुकु में जाए
  9. और 3,5 या 7 बार सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढे
  10. फिर समी अल्लाहु लिमन हमीदह रब्बना व लकल हम्द कहते हुये रुकू से खड़े हो जाएं
  11. फिर समी अल्लाहु लिमन हमीदह रब्बना व लकल हम्द कहते हुये रुकू से खड़े हो जाएं
  12. और अल्लाह हु अकबर कहते हुये सजदे में चले जाएं।
  13. सजदे में 3,5,7 बार सुबहाना रब्बियल आला पढे
  14. फिर अल्ला हु अकबर कहते हैं दो-ज़ानो बैठ जाए
  15. अल्लाह-हु-अकबर कहते हुये दूसरा सजदा करे।
  16. दसरे सजदे में भी सुबहाना रब्बियल आला पडे।
  17. अल्लाह हु अकबर कहते हुये सीधे खड़े हो जाएं और दोनो हाथ नाफ के नीचे बांध ले।

फिर अल्हम्दो यानी सूरह फातिहा पढे इसके बाद कोई भी सूरत पढ़ ले जो भी आपको याद हो, फिर वही तरीका अपने जो पहली रकात में किया था। दूसरे सजदे के बाद दो ज़ानो हो कर बैठा जाए जिसे तशहुद कहते हैं

  1. दो ज़ानो हो कर बैठने के बाद अत्तहियात पढे
  2. अत्तहियात पढते टाइम अश हदु अल्लाह पर अपनी शहादत की उंगली को उठा ले और इलाहा पर नीचे कर ले)
  3. इसके बाद दुरूद ए इब्राहीम पढे
  4. इसके बाद एक दुआ पढ़ ले जैसे रब्बाना अतिना फिद दुनिया या फिर दुआ ए मसुरा,
  5. इसके बाद आप सलाम फेरले, सलाम फेरने का तरीका ये है कि पहले सीधे कांधे की तरफ मुह करे और पढ़े अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह
  6. फिर बाएं कंधे की तरफ मुह करके पढे अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह

इस तरह आपकी 2 रकात सुन्नत नमाज़ अदा हो गई

फजर की 2 रकात नमाज़ फ़र्ज़ का तरीका : Fajar ki 2 rakat namaz farz ka tarika

नोट: सुन्नत और फ़र्ज़ मैं सिरफ़ नियत का फ़र्क होता है

फजर की 2 रकात फर्ज़ पढ़ने की नियत : Fajar ki 2 rakat farz padhne ki niyat

फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने के 2 तरिके होते हैं

अगर आप नमाज़ इमाम साहब के पीछे पड़ रहे हैं या खुद से ही पढ़ रहे हैं।

1.आगर आप फर्ज़ नमाज़ खुद से ही पढ़ रे हो तो नियत केसे करे?

नियत की मैने 2 रकात नमाज़ फर्ज़, फर्ज़ वास्ते अल्लाह ताला के वक्त ए फजर मुह मेरा तरफ काबे शरीफ के अल्लाह हु अकबर कहते हुए दोनो हाथ नाफ् के नीचे बांध ले।

2.आगर आप फ़र्ज़ नमाज़ इमाम साहब के पीछे पढ़ रहे हैं तो नियत केसे होगी?

नियत की मैने 2 रकात नमाज़ फर्ज़, फर्ज़ वास्ते अल्लाह ताला के, पीछे इस इमाम के, वक्त ए फजर मुह मेरा तरफ काबे शरीफ के अल्लाह हु अकबर कहते हुए दोनो हाथ नाफ् के नीचे बांध ले।

इमाम साहब के साथ साथ आप नमाज़ पढते रहे फजर नमाज़ के 2 फर्ज पूरे हो जाएंगे।

नमाज़ पढ़ने के बाद दुआ करने का तरीका : namz padhne ke baad dua karne ka tarika

जब आपकी नमाज़ मुक्कमल हो जाए तो अल्लाह से दुआ करे

  1. सबसे पहले दुरूद शरीफ पढ़ ले
  2. फिर अल्लाह हुम्मा अंतस सलाम पढ़ें
  3. फिर अल्लाह हुम्मा रब्बाना पडे
  4. फिर रब्बिज अल नी पढ़ ले
  5. उसके बाद अल्लाह से जो भी दुआ करनी है कर सकते हैं

दुआ मे हमारे नबी हुज़ूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम का वास्ता दे के अल्हा से अपने गुनाहो की माफ़ी मांगे, अल्लाह ताला हम सबको अपने महबूब के सदके से माफ़ कर दे। आमीन

नमाज़ की कुछ ज़रुरी बातें : Namaz ki kuch zaruri baate

नोट: नमाज़ में रुकू के बाद और सजदे से पहले सुकून से सीधा खड़ा होना बाजीब है, इस हालत को कोमा कहते हैं। इस तरह दो सजदो के दरमियान सीधा बैठना भी बाजीब है हालत को जलसा कहते है। कुछ लोग जल्दी करते हुए कोमा और जलसा में सुकून से 2 से 3 सेकेंड के लिए सीधे नहीं होते और उनका वाजिब अदा नहीं होता है। और बाजीब अदा नहीं होने की बजहा से नमाज़ भी नही होती है।

  1. नमाज़ मैं जब कयाम पर खड़े हो तो नज़र सीधी सजदे की जगहा रखना चाहिए क्यूंकि हमको इसी जमीन में जाना है
  2. जब रुकू करो तो पैरों के अंगुठे देखो क्योंकि हमारी जान पैरों से निकलना शुरू होगी
  3. जब सजदा करे तो नाक की शिमत देखना चाहिए
  4. और जब बैठ जाओ तो नजर अपनी झोली मैं रखनी चाहिए की मेरी झोली अब भी खाली है

फजर की नमाज़ का टाइम कब तक रहता है Fajar ki namaz ka time kab tak rehta hai

सूरज निकलने के साथ ही फजर का टाइम खतम हो जाता है, अगर आपको कजा पड़नी है तो सूरज निकलने के 20 मिनट बाद पढ़ ले।

Conclusions – नतिज़ा

हमने इस पोस्ट में आज फजर की नमाज़ पढ़ने का तरीका, फजर की नमाज़ की नियत शेयर की है। इसके अलावा आप यहां नमाज़ की फजीलत, नमाज़ के बाद दुआ करने का तरीका भी पढ़ सकते हैं। उम्मिद है आप लोगो को ये पोस्ट पसंद आएगी, आप इस पोस्ट को अपने घर वालो, दोस्तो और रिश्तेदारो को शेयर करेंगे, जिस से ज्यादा से ज्यादा लोगो तक ये पोस्ट पाहुच जाए।

अल्लाह से दुआ है की इस पोस्ट को लिखने में कोई कमी रह गई हो या कोई गलती हो गई हो अल्लाह ताला हुज़ूरे अनवर सल्लल्लाहु तआ़ला अलैही वसल्लम के सदके से माफ़ कर दे।

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