क्या आपको पता है की चौथा कलमा केसे पढ़ा जाता है, चौथे कलमे का तरजुमा क्या है? इसके अलावा चौथे कलमे की फ़ज़ीलते क्या होता है। आप यंहा चौथे कलमे की पूरी जानकारी ले सकते हैं।
Kalme kya hote hai : कलमे क्या होते हैं
जब मज़हबे इस्लाम शुरु हुआ तो इसके क़ानून क़ुरान और ह़दीसों के ज़रीये फैलाए गए , अब क्योंकि क़ुरान और ह़दीस में तो बहुत अलफ़ाज़ थे तो अंदेशा था ,कि कहीं आने वाली नसलें क़ुरान और ह़दीस को पढ़ न पाएं, अगर कुरान और हदीस को ना भी पढ़ें तो भी गुमराहियत की तरफ ना जाएं इसलिए कलमों का आग़ाज़ किया गया, क्योंकि इसमें कम अल्फ़ाज़ में मुकम्मल बयान कर दिया गया, कि एक अल्लाह की इबादत करनी है,एक रसूल को मानना है, नमाज़ क़ायम करनी है, गुनाहों से तौबा करना है, ज़कात देना है, और हज करना है, यह यह इस्लाम की बुनियादी बातें आम लोग भूल ना जाएं, इसलिए कलमों को बनाया गया ताकि आम लोग इसे आसानी से याद कर सकें ,क्योंकि इसमें कम अल्फ़ाज़ होते हैं और उन अ़क़ीदों को अपनी ज़िंदगी में हमेशा याद रखें और उन पर अमल करते रहे.
उन्हीं में से हम आज चौथे कलमें के बारे में बात करेंगे कि वह कि वह कौन-कौन सी हदीसों से लिया गया है उसका तर्जुमा क्या है और अरबी में उसको कैसे पढ़े और हिंदी में कैसे पढ़ें
1.चौथा कलमा और उसका तरजुमा
2.चौथा कलमा कौन-कौन सी हदीसों से लिया गया है?
chautha Kalma tauheed aur uska tarjuma : चौथा कलमा तौहीद और उसका तरजुमा
Chautha Kalma Touheed Arabic me : चौथा कलमा तौह़ीद अरबी में

kalma touheed hindi me : चौथा कलमा तौह़ीद हिंदी में
“ला इलाहा इल्लल्लाहु वह़दहु ला शरीका लहु लहुल मुल्कु व लहुल ह़म्दु युह़ह़ी व युमीतु व हुवा ह़य्यु-ल-ला यमूतु अबादन अबदा ज़ुल जलालि वल इकराम बियदिहिल ख़ैर व हुवा अ़ला कुल्लि शैइन क़दीर
तरजुमा:- “अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं, वह एक है, उसका कोई साझी नहीं, उसकी पूरी कायनात पर बादशाही है और उसी के लिए हर तरह की तारीफ है, जिंदगी और मौत उसी के हाथ में है और वह ऐसा जिंदा है जिसे कभी भी मौत नहीं, अज़मत का मालिक और बुज़ुर्गी वाला है हर तरह की भलाई उसी के कब्ज़े में हैं और वह हर चीज़ पर क़ादिर है”|
चौथे कलमें के बहुत से अल्फ़ाज़ ह़दीसों में मौजूद हैं जिनमें से कुछ हम यहां बयान करेंगे और उन कलिमात को पढ़ने की क्या फज़ीलतें हैं वह भी बयान करेंगे|
Chothe Kalme ki fazeelate: चौथे कलमें की फ़ज़ीलतें

तरजुमा-: हज़रत अब्दुर्रह़मान इब्ने ग़नम से रिवायत है, आप सल्लल्लाहो तआला अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो शख्स हर नमाज़ के बाद यह दुआ पढ़े-
“”ला इलाहा इल्लल्लाहु वह़दहु ला शरीका लहु लहुल मुल्कु व लहुल ह़म्दु युह़ह़ी व युमीतु बियदिहिल ख़ैर व हुवा अ़ला कुल्लि शैइन क़दीर”
तरजुमा:-“अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं, वह एक है, उसका कोई साझी नहीं, उसकी पूरी कायनात पर बादशाही है और उसी के लिए हर तरह की तारीफ है, जिंदगी और मौत उसी के हाथ में है,हर तरह की भलाई उसी के कब्ज़े में हैं और वह हर चीज़ पर क़ादिर है”|
जो शख्स यह कलिमात 10 बार पढ़े हर बार के पढ़ने में अल्लाह तआला उसको 10 नेकियाँ अ़ता फरमाएगा और 10 गुनाह माफ फरमाएगा और 10 दर्जे बुलंद फरमाएगा
एक और हदीस है

तरजुमा:- इब्ने अबी ह़ुसैन से रिवायत है नबी ए पाक सल्लल्लाहो तआला अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया मेरी और मुझसे पहले के अंबिया की सबसे बड़ी दुआ जो यौमे अरफा को हम अरफात में पढ़ते थे ये थी -:
“ला इलाहा इल्लल्लाहु वह़दहु ला शरीका लहु लहुल मुल्कु व लहुल ह़म्दु युह़ह़ी व युमीतु व हुवा अ़ला कुल्लि शैइन क़दीर”
तरजुमा:-
“अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं, वह एक है, उसका कोई साझी नहीं, उसकी पूरी कायनात पर बादशाही है और उसी के लिए हर तरह की तारीफ है, जिंदगी और मौत उसी के हाथ में है,और वह हर चीज़ पर क़ादिर है”|
चौथे कलमे की फज़ीलत में एक और हदीस है

तरजुमा:- जो शख्स बाज़ार में दाखिल हो, वह यह कलिमात कहे ले :- तो अल्लाह तआला उसके लिए 10 लाख नेकियाँ लिख देता है और उससे 10 लाख बुराइयां मिटा दी जाती है, और उसके 10 लाख दर्जे बुलंद किए जाते हैं |
दुआ यानी चौथा कलमा
“ला इलाहा इल्लल्लाहु वह़दहु ला शरीका लहु लहुल मुल्कु व लहुल ह़म्दु युह़ह़ी व युमीतु व हुवा ह़य्यु-ल-ला यमूतु अबादन अबदा ज़ुल जलालि वल इकराम बियदिहिल ख़ैर व हुवा अ़ला कुल्लि शैइन क़दीर”
तरजुमा:-“अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं, वह एक है, उसका कोई साझी नहीं, उसकी पूरी कायनात पर बादशाही है और उसी के लिए हर तरह की तारीफ है, जिंदगी और मौत उसी के हाथ में है और वह ऐसा जिंदा है जिसे कभी भी मौत नहीं, अज़मत का मालिक और बुज़ुर्गी वाला है हर तरह की भलाई उसी के कब्ज़े में हैं और वह हर चीज़ पर क़ादिर है”|
Conclusions : नतिज़ा
आज हमने इस पोस्ट में चौथे कलमे की मुकम्मल जानकरी शेयर की है, जैसे चौथे कलमे को कैसे पढ़ा जाता है, चौथे कलमे का तर्जुमा क्या है और चौथे कलमे की फज़ीलते क्या है।
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इस पोस्ट को लिखने मैं या कहने में कोई गलती हो गई हो तो अल्लाह से दुआ है की वो सरकारे मदीना सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदके से गलती को माफ कर दे।
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